भारत ने सीमा पार आतंकवाद से निपटने के लिए अब एक नई और ठोस नीति अपना ली है. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने न्यूयॉर्क में एक सामुदायिक कार्यक्रम के दौरान कहा कि अब आतंकवाद में शामिल कोई भी व्यक्ति सजा से नहीं बचेगा. शशि थरूर के नेतृत्व में एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका के इस शहर से होते हुए गुयाना के लिए रवाना हुआ.
इस बीच, एक अन्य प्रतिनिधिमंडल ने बहरीन में देश के उपप्रधानमंत्री शेख खलीद बिन अब्दुल्ला अल खलीफा से मुलाकात की और भारत पर पड़ने वाले सीमा पार आतंकवाद के खतरे को लेकर भारत के कड़े रुख से अवगत कराया.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जताया समर्थन
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इन सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों के प्रयासों की सराहना करते हुए एक्स पर कहा, ‘भारत आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर एकजुट है. एक सामूहिक आवाज़ आतंकवाद से लड़ने का सशक्त संदेश दे रही है.’
भारत की इस नीति को वैश्विक स्तर पर सामने लाने के लिए दक्षिण कोरिया और स्लोवेनिया में भी अलग-अलग भारतीय प्रतिनिधिमंडलों ने संबंधित देशों के राजनेताओं से मुलाकात की और हालिया पहलगाम आतंकी हमले के संदर्भ में भारत की जीरो टॉलरेंस नीति साझा की.
थरूर ने अमेरिका में रखा भारत का पक्ष
शनिवार को भारतीय-अमेरिकी समुदाय के नेताओं से बातचीत करते हुए शशि थरूर ने कहा, ‘भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया है कि हमने कुछ शुरू नहीं किया, हम केवल आतंकवादियों को संदेश दे रहे हैं. अब कोई यह न समझे कि वे पाकिस्तान में बैठकर भारत के नागरिकों को मार सकते हैं और बच निकलेंगे. पाकिस्तान भारत की ज़मीन को हथियाना चाहता है, और जब वह पारंपरिक तरीकों से ऐसा नहीं कर पाता, तो आतंकवाद का सहारा लेता है. यह अस्वीकार्य है.’
न्यूयॉर्क में 9/11 मेमोरियल की यात्रा
प्रतिनिधिमंडल ने न्यूयॉर्क स्थित 9/11 मेमोरियल का भी दौरा किया. थरूर ने इसे एकजुटता की भावना में की गई यात्रा बताया और कहा कि यह भी एक संदेश है कि हम उस शहर में खड़े हैं, जो एक भयानक आतंकवादी हमले का गवाह बना था. उसी पृष्ठभूमि में जब भारत में भी हाल ही में एक क्रूर हमला हुआ.
गुयाना में गर्मजोशी से हुआ स्वागत
गुयाना में प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत किया गया. भारत की आतंकवाद के खिलाफ़ स्पष्ट और सख्त नीति को रेखांकित करते हुए भारतीय दूतावास ने लिखा, ‘भारत आतंकवाद के खिलाफ़ अडिग और एकजुट है.’
थरूर ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल गुयाना के 59वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति के मध्यरात्रि भाषण में शामिल होगा.
बहरीन में गूंजा भारत का संदेश
मनामा में भाजपा सांसद बैजयंत जय पांडा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने बहरीन के उपप्रधानमंत्री समेत कई शीर्ष नेताओं से मुलाकात की और आतंकवाद के खिलाफ भारत के संकल्प को दोहराया. किंग हमाद ग्लोबल सेंटर फॉर को-एग्जिस्टेंस एंड टॉलरेंस में आयोजित संवाद सत्र में भारत के सहिष्णुता और समरसता के मूल्यों पर चर्चा हुई.
ओवैसी और अन्य नेताओं का साझा संदेश
मानामा में AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान आक्रांता है, पीड़ित नहीं. कई वर्षों से पाकिस्तान द्वारा सहायता और प्रशिक्षण प्राप्त आतंकवादी भारत में हमले कर रहे हैं, जिनमें कई निर्दोष लोगों की जान गई है। दिसंबर 2023 में भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से ‘टीआरएफ’ (TRF) पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी, क्योंकि यह संगठन भारत में किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकता है। पाकिस्तान की संलिप्तता इस बात से भी सिद्ध होती है कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद टीआरएफ ने दो बार जिम्मेदारी स्वीकार की, और भारतीय साइबर विशेषज्ञों ने यह भी पाया कि हमले का वीडियो पाकिस्तानी सैन्य कैंटोनमेंट के पास से इंटरनेट पर अपलोड किया गया था।
सियोल और स्लोवेनिया में भी साझा हुआ भारत का रुख
दक्षिण कोरिया में जेडीयू सांसद संजय झा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ संवाद किया और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी साझा की, जो हालिया पहलगाम हमले के बाद शुरू किया गया था. सियोल में भारतीय राजदूत अमित कुमार और कोरियाई सांसदों से मुलाकात कर भारत की कड़ी नीति पर बल दिया गया.
टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि संवाद में शांति, क्षेत्रीय स्थिरता और आतंकवाद के खिलाफ बहुपक्षीय प्रयासों को मजबूत करने पर विचार किया गया.
कतर और स्लोवेनिया में भी पहुंचा प्रतिनिधिमंडल
कतर में एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने कतर की शूरा काउंसिल के उपसभापति और अन्य सांसदों से भेंट की. भारतीय दूतावास ने एक्स पर बताया कि कतर ने भी आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति को दोहराया.
स्लोवेनिया में डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल भारत का संदेश लेकर पहुंचा.
भारतीय प्रवासी को बताया ‘फोर्स मल्टिप्लायर’
सभी प्रतिनिधिमंडलों ने भारतीय प्रवासी समुदाय को ‘बलवर्धक’ करार देते हुए अपील की कि वे अपने देशों में भारत की आतंकवाद विरोधी नीति को लेकर जनमत और राजनीतिक सोच को संवेदनशील बनाने में योगदान दें. ये प्रतिनिधिमंडल सात बहुदलीय समूहों में शामिल हैं, जिन्हें भारत सरकार ने 33 वैश्विक राजधानियों में भेजा है, ताकि पाकिस्तान की आतंकी साजिशों और भारत की सख्त प्रतिक्रिया से दुनिया को अवगत कराया जा सके