पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने एक क्लोज-डोर मीटिंग की. पाकिस्तान के अनुरोध के बाद की गई इस मीटिंग में कोई ठोस नतीजा नहीं निकला.
यूएनएससी में बंद कमरे में सोमवार दोपहर को डेढ़ घंटे हुई बैठक के बाद पाकिस्तान की फजीहत हुई. संयुक्त राष्ट्र ने इस बैठक के बाद ना तो किसी तरह का आधिकारिक बयान जारी किया और ना किसी तरह का रिजॉल्यूशन पारित किया गया.
मीटिंग के दौरान संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थाई प्रतिनिधि दूत असीम इफ्तिखार ने कहा कि यूएनएससी की मीटिंग से जो हासिल करने का मकसद था वो पूरा हुआ है. उन्होंने बताया कि इस मीटिंग में पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के मसले को भी सुलझाने पर चर्चा की है.
यह बैठक संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के उस चेतावनी के बाद हुई, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच की स्थिति हाल के साल में सबसे खराब स्तर तक पहुंच गई है.
पाकिस्तान के स्थाई प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार ने बैठक में क्या-क्या कहा?
इस बैठक के दौरान पाकिस्तान ने लगातार झूठे बयान दिए. उन्होंने कहा कि भारत ने सिंधु नदी समझौते को सस्पेंड करने के कदम को गैरकानूनी करार दिया. इससे क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को खतरा है.
इस दौरान उन्होंने कश्मीर को एक अंतरराष्ट्रीय विवाद के रूप में पेश करने की कोशिश की. यह दावा करते हुए कि यह क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए गंभीर जोखिम पैदा करता है. पाकिस्तान ने झूठ के जरिए UNSC को यह समझाने की कोशिश की कि भारत की कार्रवाइयां जैसे अटारी सीमा बंद करना, राजनयिक संबंधों को और कम करना और आतंकवाद के खिलाफ भारत का कठोर और निर्णायक रुख क्षेत्र में अस्थिरता को बढ़ा रहा है.
इस बैठक के बाद असीम इफ्तिखार ने दावा किया कि उनकी मांग पर UNSC की बैठक का आयोजन ही उनकी कूटनीतिक जीत है.
बता दें कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र का गैर स्थाई सदस्य है और उसने मौजूदा स्थिति को लेकर यूएनएससी से इस मामले पर चर्चा का आग्रह किया था. 15 सदस्यीय यूएनएससी का मई महीने का अध्यक्ष ग्रीस है, जिन्होंने पांच मई को पाकिस्तान के साथ हुई इस बैठक की अध्यक्षता की.