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‘पाकिस्तान ने खत्म किया बातचीत का दौर, हर कदम का उसी की भाषा में जवाब दिया जाएगा…’, जयशंकर की दो टूक

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान के साथ बातचीत का दौर बीत चुका है. पाकिस्तान ने बिना रुकावट बातचीत का दौर खत्म कर दिया है. पाकिस्तान के हर सकारात्मक और नकारात्मक कदम पर उसी की भाषा में जवाब दिया जाएगा.

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उन्होंने दिल्ली में एक किताब के विमोचन के मौके पर कहा कि पड़ोसी हमेशा समस्या बने रहते हैं. दुनिया के किसी भी देश की तरफ देखें तो पड़ोसी समस्या बने हुए हैं क्योंकि पड़ोसियों के साथ संबंधों को बनाए रखना सबसे मुश्किल काम होता है. इन्हें कभी सुलझाया नहीं जा सकता. पड़ोसियो से समस्या लगातार बनी रहती है. लोग कई बार कहते हैं कि बांग्लादेश में ये हो रहा है, मालदीव में वो हो रहा है. मैं कहता हूं कि उन्हें पूरी दुनिया में देखने की जरूरत है कि ऐसे कौन से देश हैं, जिनकी अपने पड़ोसी मुल्कों के साथ चुनौतियां नहीं हैं. मुझे लगता है कि पड़ोसियों का ये नेचर होता है कि उनके साथ रिश्ते हमेशा एक जैसे नहीं रहते.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ बातचीत का दौर अब बीत चुका है. ये याद रखने की जरूरत है कि हर एक्शन पर रिएक्शन होता ही है. जहां तक जम्मू कश्मीर का सवाल है आर्टिकल 370 को हटाया जा चुका है. लेकिन आज मुद्दा ये है कि पाकिस्तान के साथ किस तरह के संबंध हो सकते हैं. पाकिस्तान के हर सकारात्मक और नकारात्मक कदम पर उसी की भाषा में जवाब दिया जाएगा.

बांग्लादेश की स्थिति पर क्या बोले जयशंकर?

उन्होंने भारत के साथ पाकिस्तान के बिगड़ते रिश्तों के लिए पूर्ववर्ती इमरान खान सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि समस्या ये है कि 2019 के बाद इमरान खान सरकार ने ऐसे कदम उठाए जिनसे दोनों मुल्कों के रिश्ते प्रभावित हुए. हमने कुछ नहीं किया, उन्होंने किया.

विदेश मंत्री जयशंकर ने बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति पर कहा कि बांग्लादेश के साथ हमारे संबंध उसकी स्थापना के समय से ही उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं. हमें यह स्वीकार करना होगा कि वहां राजनीतिक बदलाव हुए हैं. हमें यहां आपसी हितों का ध्यान रखना होगा.

बता दें कि पाकिस्तान को लेकर जयशंकर का ये बयान ऐसे समय पर सामने आया है, जब एक दिन पहले ही पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अक्तूबर महीने में इस्लामाबाद में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया.

 

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