पाकिस्तान में इस वक्त भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ (RAW) के खौफ में जी रहा है. ये डर कितना ज्यादा है उसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है पाकिस्तान गिड़गिड़ा रहा है कि भारत उसके आतंकवादियों को मार रहा है. उसके विदेश मंत्रालय की तरफ से भारत पर सीधा-सीधा इल्जाम लगाया जा रहा है. उनकी तरफ से कहा जा रहा है कि भारत हमारे यहां कार्रवाई कर रहा है.
इस्लामाबाद में पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने इन कथित कार्रवाइयों की निंदा की है. उन्होंने आरोप लगाया कि भारत का हत्याओं और अपहरण का अभियान पाकिस्तान से बाहर भी फैल गया है. एक इंटरव्यू में कहा कि भारत के इशारे पर उनके यहां आतंकवादी मारे जा रहे हैं. वॉशिंगटन पोस्ट ने एक रिपोर्ट में रॉ के एक गुप्त हत्या अभियान का दावा किया है.
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में कई टारगेट किलिंग को अंजाम दिया गया. देश की सीमा से परे इन कार्रवाइयों को पूरा समर्थन है. इसमें कहा गया है कि रॉ एक खुफिया नेटवर्क का संचालन करती है. इसके एजेंट दुबई में बिचौलिए के रूप में काम करते हैं. वो स्थानीय अपराधियों और अफगान नागरिकों को अपने लिए काम पर रखते हैं और हवाला जैसे माध्यमों से पेमेंट करते हैं.
पाकिस्तान में एक तरफ रॉ का खौफ है, तो दूसरी तरफ इस बात का मलाल और गुस्सा कि उसकी सरकार और सेना घर में पिटने के बावजूद दुनिया तक अपनी बात नहीं रख पा रही है. पाकिस्तान की हालत गंभीर है. घर हो या बाहर. पाकिस्तान की सरकार की कोई नहीं सुन रहा. पाकिस्तान की तालिबान से भी नहीं बन रही. नौबत एक दूसरे पर हमला करने तक आ पहुंची है.
पाकिस्तान में घुसकर हमला करने वाले तालिबान को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने धमकाया है. पाकिस्तान भले ही भारत पर आतंकियों को मारने का आरोप लगाए, लेकिन आतंक से निपटने में उसे भारतीय फॉर्मूला भा गया है. तहरीक-ए-तालिबान के खिलाफ तालिबान ने कार्रवाई करने से मना कर दिया है. तो अब पाकिस्तान ने भारत का मॉडल अपना शुरू कर दिया है.
पाकिस्तान ने पहले एयर स्ट्राइक की और अब टीटीपी के आतंकियों को चुन-चुन कर मारने की योजना बन रही है. तालिबान को कमजोर करने के लिए पाकिस्तान ने प्लान बी पर भी काम करना शुरू कर दिया है. उसका दूसरा प्लान दुश्मन का दुश्मन दोस्त से प्रेरित है. नॉर्दन अलाइंस बरसों तालिबान का विरोधी है. अब पाकिस्तान की तरफ से उसे साथ मिलाने के लिए डोरे डाले जा रहे हैं.
इस प्लान को अंजाम देने के लिए आईएसआई चीफ ताजिकिस्तान पहुंच गए हैं. ताजिकिस्तान से करीबी बढ़ाने के लिए पाकिस्तान उससे बिजली खरीदने की योजना बना रहा है. ये बिजली जिस रास्ते से आएगा वो वाखान कॉरिडोर है. जो कि अफगानिस्तान का हिस्सा है. वहां अब पाकिस्तान की नजर है. वाखान कॉरिडोर पर पाकिस्तान की तरफ से कब्जे की खबरें उसकी सेना फैला रही है.
वाखान कॉरिडोर के जरिए अफगानिस्तान की सीमा चीन से मिलती है. इसे अफगानिस्तान की चिकिन नेक भी कहा जा सकता है. पाकिस्तान की तरफ थ्योरी दी जा रही है कि तालिबान को सबक सिखाने के लिए अब पाकिस्तान की सेना इस हिस्से पर कब्जा कर सकती है. इससे उसकी पहुंच तजाकिस्तान तक हो जाएगी. यदि ऐसा हुआ तो फिर पाकिस्तान और तालिबान में सीधी लड़ाई शुरू हो सकती है.