पर्यावरण कार्यकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी गीताांजलि अंगमो ने उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया है. उन्होंने “पाकिस्तान लिंक” और वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद बताते हुए कहा कि वांगचुक हमेशा से सबसे “गांधीवादी तरीके” से आंदोलन कर रहे हैं.
अंगमो ने 24 सितंबर को लेह में हुई हिंसा के लिए सुरक्षा बलों को जिम्मेदार ठहराया. उनका कहना है कि वांगचुक ने कभी भी हिंसा के लिए उकसाया नहीं, बल्कि आंदोलन को शांति और अहिंसक तरीकों से आगे बढ़ाया. उन्होंने कहा कि हालात बिगड़ने की वजह सीआरपीएफ की कार्रवाई रही.
गौरतलब है कि लद्दाख में छठी अनुसूची का दर्जा और राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन चल रहा है. इसी आंदोलन के दौरान 24 सितंबर को लेह में प्रदर्शन हिंसक हो गया था, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और 90 से ज्यादा लोग घायल हुए. इसके बाद शुक्रवार को पुलिस ने सोनम वांगचुक को कठोर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत हिरासत में ले लिया.
जोधपुर की जेल में रखे गए सोनम वांगचुक
सोनम वांगचुक को गिरफ्तार करने के बाद राजस्थान के जोधपुर स्थित जेल में रखा गया है. उनकी गिरफ्तारी और एनएसए के तहत कार्रवाई ने कई राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.
सोनम वांगचुक की पत्नी ने और क्या कहा?
फोन पर पीटीआई से बात करते हुए गीताांजलि अंगमो, जो हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव लर्निंग (एचआईएएल) की सह-संस्थापक हैं, ने कहा कि गिरफ्तारी के बाद से उनकी अपने पति से कोई बातचीत नहीं हो पाई है. उन्होंने स्पष्ट किया कि वांगचुक और उनके संस्थान के खिलाफ लगाए गए सभी आरोप गलत और आधारहीन हैं.
अंगमो का कहना है कि उन्हें अभी तक हिरासत आदेश की प्रति भी नहीं दी गई है. उन्होंने कहा, “उन्होंने शुक्रवार को आदेश भेजने का वादा किया था, लेकिन अब तक हमें नहीं मिला. हम कानूनी रास्ता अपनाएंगे.”