पाकिस्तान की ओर से 15 शहरों को निशाना बनाने की कोशिश के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत गुरुवार को जवाबी कार्रवाई की है. इस एक्शन में भारत ने लाहौर में एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह कर दिया है. इस मुद्दे पर गुरुवार को विदेश मंत्रालय की ओर से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई, जिसमें इस बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है. विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि पहलगाम में किया गया आतंकी हमला उकसावे की कार्रवाई था, जबकि भारत की ओर से संयमित और सटीक जवाबी कार्रवाई की गई है.
आतंकवाद का वैश्विक केंद्र
विक्रम मिसरी के साथ इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नल सोफिया कुरैशी और विग कमांडर व्योमिका सिंह मौजूद रहीं, जैसा कि इससे पहले बुधवार की प्रेस ब्रीफिंग के दौरान देखा गया था. विक्रम मिसरी ने पाकिस्तान की पोल खोलते हुए कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद का वैश्विक केंद्र बन चुका है और पूरी दुनिया उसकी हरकतों के बारे में जानती है. उन्होंने कहा कि न सिर्फ भारत बल्कि दुनियाभर में हुई कई आतंकी वारदातों में पाकिस्तान का हाथ होने के पक्के सबूत मिले हैं. दुनिया जानती है कि ओसामा बिन लादेन को कहां मारा गया था और किस देश ने उसे शहीद बताया था.
मिसरी ने कहा कि पाकिस्तान दशकों से भारत में आतंकी वारदातों को अंजाम दे रहा है और दुनिया को गुमराह करता आया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की धरती पर un की लिस्ट में शामिल कई ग्लोबल टेररिस्ट खुलेआम घूम रहे हैं, जिनमें मसूद अजहर और हाफिज सईद जैसे आतंकी शामिल हैं. साथ ही वहां लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन भी फल-फूल रहे हैं. मिसरी ने कहा कि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री और पूर्व विदेश मंत्री ने हाल के दिनों में आतंकियों के साथ पाकिस्तान के रिश्तों की बात कुबूली है.
सबूतों पर नहीं करता कार्रवाई
पहलगाम आतंकी हमले समेत पिछले हमलों की निष्पक्ष जांच के दावे को लेकर मिसरी ने कहा कि सभी को पाकिस्तान का इतिहास और ट्रैक रिकॉर्ड पता है. मुंबई अटैक में पकड़े गए आतंकी अजमल कसाब से लेकर पठानकोट हमले के पुख्ता और फॉरेंसिक सबूत पाकिस्तान को सौंपे गए थे. लेकिन भारत की अपील के बावजूद आतंकियों के आकाओं पर कोई एक्शन नहीं लिया गया. इसी वजह से अनुभव के आधार पर यह कहा जा सकता है पाकिस्तान ऐसे आतंकियों पर कोई कार्रवाई नहीं करता बल्कि इन सबूतों को ढाल बनाकर खुद का चेहरा छुपाने की कोशिश करता है
उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी संगठन लश्कर का मुखौटा कहे जाने वाले टीआरएफ ने ली थी. इसे लेकर भारत की ओर से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को भी जानकारी मुहैया कराई गई थी. लेकिन दिलचस्प बात यह है कि जब UNSC में पहलगाम हमले को लेकर एक बयान जारी करने की बात चल रही थी, तब पाकिस्तान ने ही TRF का नाम उस प्रस्ताव में रखने का विरोध किया था. यह तब है जब खुद टीआरएफ ने दो-दो बार पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी.
आतंकियों के जनाजे में सेना
विदेश सचिव ने कहा कि पाकिस्तान दावा कर रहा है कि स्ट्राइक में आम नागरिकों की मौत हुई है, अगर ऐसा है तो उनके ताबूत को झंडे में लपेट कर राजकीय सम्मान दिया जा रहा है और सेना के अधिकारी उनके जनाजे में शामिल हो रहे हैं, क्या आम नागरिकों को जनाजा पाकिस्तान में ऐसे निकाला जाता है? पाकिस्तान में शायद आतंकियों का जनाजा ऐसे निकालने की यह पुरानी परंपरा है.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान यह भी दावा कर रहा है कि भारत ने धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया जो कि पूरी तरह गलत है. भारत ने सिर्फ आतंकी ठिकानों को टारगेट किया है. उन्होंने कहा कि इससे उलट पाकिस्तान ने ही सीजफायर को तोड़ते हुए LoC पर पुंछ में गुरुद्वारे को निशाना बनाया और सिख समुदाय के घरों पर हमले कर तीन लोगों की जान ली है. इसके अलावा सीमापार से की गई फायरिंग में 16 लोगों की मौत हुई है.