भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने पाकिस्तान की आर्थिक और कूटनीतिक नीतियों पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि चाहे आईएमएफ हो, चीन, अमेरिका, सऊदी अरब या तुर्की, पाकिस्तान को जो भी लोन मिल रहा है, वह सारे पैसे बर्बाद हो जाएंगे. दुबे ने दावा किया, “नालायक पाकिस्तान कर्ज के बोझ तले दबकर खत्म हो जाएगा.
अल्जीरिया में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दुबे ने पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इतनी खराब है कि उसे लगातार विदेशी मदद की जरूरत पड़ रही है, लेकिन यह मदद भी उसके लिए कोई समाधान नहीं बन पा रही.’
उन्होंने आगे कहा, ‘पाकिस्तान का 20-25% बजट रक्षा पर खर्च होता है, जबकि सार्वजनिक कल्याण और विकास पर ध्यान नहीं दिया जाता. यही कारण है कि उसकी अर्थव्यवस्था हर रोज कमजोर होती जा रही है.’
हमने लौटाए 93,000 सैनिक: निशिकांत दुबे
दुबे ने 1972 के भारत-पाक युद्ध का भी जिक्र करते हुए कहा, ‘1972 में हमने पाकिस्तान को 93,000 सैनिक लौटा दिए, लेकिन आज तक हमारे 54 सैनिक पाकिस्तानी जेलों में बंद हैं. उन्हें वापस नहीं लौटाया गया. यह पाकिस्तान है और यही कारण है कि हम यहां हैं.’
‘आतंकवाद का मिलकर मुकाबला करेंगे भारत-अल्जीरिया’
उन्होंने भारत और अल्जीरिया के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने की वकालत करते हुए कहा कि दोनों देश मिलकर पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों का मुकाबला कर सकते हैं.
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पर बात करते हुए दुबे ने कहा कि देश का 80% से अधिक बजट कर्ज पर आधारित है और यह कर्ज केवल रक्षा पर खर्च हो रहा है.
उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान की यह नीति उसे और गहरे संकट में डाल रही है. दुबे के बयान से एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण रिश्तों पर चर्चा शुरू हो गई है. पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए, भारत ने कई बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं. वहीं, पाकिस्तान इन आरोपों को खारिज करता रहा है.