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घुटनों पर आएगा Pak! सिर्फ 4 दिन का ही बचा है गोला-बारूद; रिपोर्ट में हुआ खुलासा

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने का संकल्प लिया है. दूसरी ओर, पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भारत के खिलाफ आक्रामक हमले कर रहे हैं. लेकिन इसी बीच एक खुफिया रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ है और उसने पाकिस्तान की पोल खोल दी है. रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के पास सिर्फ चार दिनों तक युद्ध लड़ने लायक गोला-बारूद बचा है. ऐसे में मिसाइल से हमले करने वाला पाक जल्द ही अपने घुटनों पर आ सकता है.

इसका मतलब साफ है कि अगर भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ पूर्ण युद्ध छेड़ा, तो पड़ोसी देश के पास घुटने टेकने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा. ऐसे में भारतीय सेना की मौन रणनीति ही इस समय पाकिस्तान के लिए एक आने वाले तूफान की तरह है.

पाकिस्तान की सेना इस समय गंभीर गोला-बारूद संकट का सामना कर रही है, जिससे उसकी युद्ध क्षमता केवल चार दिनों तक सीमित हो गई है. ANI और अन्य मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान की आर्टिलरी गोला-बारूद भंडार इतनी कम हो गई है कि वह उच्च तीव्रता वाले युद्ध को केवल 96 घंटे तक ही झेल सकती है.

इस संकट का मुख्य कारण पाकिस्तान द्वारा हाल ही में यूक्रेन और इज़राइल को बड़ी मात्रा में 155 मिमी आर्टिलरी शेल्स और 122 मिमी रॉकेट्स का निर्यात है. रिपोर्ट्स के अनुसार, फरवरी और मार्च 2023 के बीच, पाकिस्तान ने यूक्रेन को 42,000 122 मिमी BM-21 रॉकेट्स और 60,000 155 मिमी हॉवित्जर शेल्स भेजे, जिससे उसके घरेलू भंडार में भारी कमी आई.

संकट में पाकिस्तान

पाकिस्तान ऑर्डनेंस फैक्ट्रीज (POF) की पुरानी उत्पादन सुविधाएं और वैश्विक मांग में वृद्धि के कारण गोला-बारूद की आपूर्ति में बाधा आ रही है. इसके अलावा, देश की आर्थिक स्थिति भी गंभीर है, जिसमें उच्च मुद्रास्फीति, बढ़ता कर्ज और घटते विदेशी मुद्रा भंडार शामिल हैं. इन परिस्थितियों ने सैन्य अभ्यासों को निलंबित करने और राशन में कटौती जैसे कदम उठाने के लिए मजबूर किया है.

पाकिस्तानी सैन्य नेतृत्व इस स्थिति को लेकर गहरी चिंता में है. 2 मई 2025 को हुई विशेष कोर कमांडर्स सम्मेलन में इस मुद्दे पर चर्चा की गई. पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने पहले ही चेतावनी दी थी कि पाकिस्तान के पास भारत के साथ लंबे समय तक युद्ध करने की न तो गोला-बारूद की क्षमता है और न ही आर्थिक संसाधन.

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