जम्मू-कश्मीर में नई सरकार बनने के बाद से लगातार आतंकी हमलों में इजाफा हो रहा है. इन हमलों पर प्रतिक्रिया देते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा. अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान कभी भी जम्मू-कश्मीर में अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सकता. उन्होंने कहा, “जो लोग चाहते हैं कि यह क्षेत्र पाकिस्तान में मिल जाए, वे कभी सफल नहीं होंगे. भारत की ताकत उसकी विविधता और एकता में है. हमें आपसी भाईचारे को मजबूत करना होगा और नफरत को दूर करना होगा, ताकि देश में शांति, प्रगति और विकास का माहौल बना रहे.”
पत्रकारों से बातचीत के दौरान फारूक ने कहा कि लोग नई सरकार से बड़े बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं और आशा करते हैं कि आने वाले सालों में जम्मू-कश्मीर विकास की नई ऊंचाइयों को छुएगा. उन्होंने अलगाववादियों पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग पाकिस्तान के साथ जुड़ने की सोच रखते हैं, आगे उन्होंने कहा वे कभी कामयाब नहीं हो सकते, जम्मू-कश्मीर भारत का मुकुट है और हमेशा रहेगा. पाकिस्तान यहां कभी सफल नहीं होगा.
धार्मिक नफरत हमारी एकता के लिए खतरा
अब्दुल्ला ने देश में बढ़ती धार्मिक नफरत को एकता के लिए खतरा बताते हुए कहा कि इसे खत्म करना बेहद जरूरी है, हमें अपने देश की विविधता को बनाए रखना है, चाहे हमारी भाषा, धर्म या संस्कृति कोई भी हो, हम भारतीय हैं. अब्दुल्ला ने लोगों से अपील की उन्होंने बोला हमें एकजुट रहना चाहिए, नहीं तो भारत का अस्तित्व खतरे में आ जाएगा.” रघुनाथ बाजार का जिक्र करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि 2022 में उपराज्यपाल द्वारा दरबार मूव की परंपरा रोक दिए जाने के बाद से यह बाजार अपनी पुरानी रौनक खोता जा रहा है. महाराजाओं द्वारा शुरू की गई इस परंपरा के तहत सरकार छह महीने श्रीनगर और छह महीने जम्मू में काम करती थी.
अब्दुल्ला ने कहा “रघुनाथ बाजार को फिर से उसकी पुरानी चमक मिलनी चाहिए. आगे उन्होंने कहा यह परंपरा भाईचारे को मजबूत करने और दोनों क्षेत्रों को करीब लाने के उद्देश्य से शुरू की गई थी, हमें इसे पुनर्जीवित करना होगा.”
कदम उठाने की जरुरत
अब्दुल्ला ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर की प्रगति के लिए प्रतिबद्ध है, हम सड़कों की हालत सुधारना और स्मार्ट सिटी में बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करना चाहते हैं. इस सरकार से सभी को उम्मीदें हैं, और मैं भी चाहता हूं कि जम्मू-कश्मीर प्रगति करे, बेरोजगारी खत्म हो, युवाओं को रोजगार मिले और यह क्षेत्र आगे बढ़े. राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग पर उन्होंने कहा, “एक बार जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल हो जाने पर, स्थानीय अधिकारियों को ऊंचे पदों पर नियुक्त किया जाएगा.
आगे उन्होंने कहा बीते 75 वर्षों में स्थानीय अधिकारियों ने राज्य का संचालन किया और इसे देश का सबसे प्रगतिशील राज्य बनाया है, लेकिन पिछले पांच वर्षों में हम नीचे आ गए हैं और हमें इसे फिर से नई ऊंचाइयों पर ले जाना होगा.