पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की संभावित जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तानी सेना की रातों की नींद हराम हो गई है. उसने शनिवार को लगातार 10वीं रात नियंत्रण रेखा पर भारतीय चौकियों को निशाना बनाकर बिना उकसावे के छोटे हथियारों से गोलीबारी की. जम्मू-कश्मीर में कुपवाड़ा, बारामूला, पुंछ, राजौरी, मेंढर, नौशेरा, सुंदरबनी और अखनूर सेक्टर में एलओसी पर पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया. भारतीय सेना ने पाकिस्तानी फायरिंग का दोगुनी ताकत से त्वरित और माकूल जवाब दिया.
इससे एक दिन पहले केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि 2 मई और 3 मई की रात को, पाकिस्तानी सेना ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के कुपवाड़ा, उरी और अखनूर इलाकों के सामने नियंत्रण रेखा पर बिना उकसावे के छोटे हथियारों से गोलीबारी की. भारतीय सेना ने सीमा पर गोलीबारी का तुरंत और बराबर जवाब दिया. यह उल्लंघन संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद द्वारा अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप को तेज करने का आह्वान करने के एक दिन बाद हुआ है, जिसमें उन्होंने कहा था कि पहलगाम हमले के जवाब में नई दिल्ली द्वारा कार्रवाई का खतरा है.
उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान 22 अप्रैल को पहलगाम में हुई आतंकवादी घटना से इसे जोड़ने के किसी भी प्रयास को स्पष्ट रूप से अस्वीकार करता है. भारत और पाकिस्तान के बीच 2021 में युद्ध विराम समझौता हुआ था. 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान ने एक-दूसरे के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं, जिसके बाद पाकिस्तान ने एलओसी और इंटरनेशनल बॉर्डर पर संघर्ष विराम का उल्लंघन करना शुरू किया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय सेना को पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए पूर्ण स्वतंत्रता दी है, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे. उन्होंने नई दिल्ली में रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और तीनों सेना प्रमुखों के साथ हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में कहा कि पहलगाम आतंकी हमले का जवाब कैसे, कब और कहां देना है यह सेना तय करे. आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में भारतीय सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों या उनके परिवारों के घरों को ध्वस्त करना भी शुरू कर दिया.
पहलगाम नरसंहार में शामिल आदिल हुसैन थोकर और आसिफ शेख के घरों को विस्फोट से नष्ट कर दिया गया है. भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए अटारी-वाघा बॉर्डर क्रॉसिंग प्वाइंट को बंद कर दिया, पाकिस्तानी नागरिकों को जारी सभी तरह के अल्पकालिक वीजा रद्द कर उन्हें देश छोड़ने के लिए कह दिया, 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया और पाकिस्तानी उड़ानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है. जवाब में, पाकिस्तान ने घोषणा की कि वह 1972 के शिमला समझौते का पालन नहीं करेगा.