न्यूयॉर्क में एक पाकिस्तानी टैक्सी ड्राइवर ने बुधवार को एक यहूदी टीचर और कुछ छात्रों को कार से कुचलने की कोशिश की. चश्मदीदों के मुताबिक, हमले के दौरान टैक्सी ड्राइवर चिल्ला रहा था कि वह सभी यहूदियों की हत्या कर देगा. न्यूयॉर्क पोस्ट के मुताबिक, बुधवार को मेसिव्टा नाकलस याकोव स्कूल के बाहर असगर ने कुछ यहूदी छात्रों को देखकर उनका पीछा किया. इसके बाद उसने टीचर और 2 स्टूडेंट्स के पीछे अपनी कार दौड़ा दी.
दो ब्लॉक तक टीचर-छात्रों का पीछा करने के बाद वह अपनी कार लेकर दोबारा स्कूल की तरफ बढ़ा. इस बीच पीड़ितों ने एक बिल्डिंग में छिपकर अपनी जान बचाई. इसके बाद आरोपी ड्राइवर ने एक बार फिर से 30-40 यहूदी स्टूडेंट्स के एक ग्रुप पर हमला करने की कोशिश की.
4 बार गिरफ्तार हो चुका है पाकिस्तानी कैब ड्राइवर
रिपोर्ट के मुताबिक 58 साल के आरोपी का नाम असगर अली है. वह एक पाकिस्तानी अप्रवासी है, जो करीब 2 दशक पहले अमेरिका आया था. पुलिस ने बताया कि असगर मानसिक तौर पर बीमार है. कैब ड्राइवर होने के बावजूद उसके पास टैक्सी चलाने का लाइसेंस नहीं है.
1998 में अपनी गलत पहचान बताने के आरोप में पहली बार असगर को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद से अब तक वह अलग-अलग मामलों में 4 बार अरेस्ट हो चुका है. फिलहाल न्यूयॉर्क पुलिस डिपार्टमेंट की हेट काइम टास्क फोर्स इस मामले की जांच कर रही है. असगर पर हत्या की कोशिश और हेट क्राइम से जुड़े करीब 12 चार्ज लगाए गए हैं.
न्यूयॉर्क पोस्ट के मुताबिक, हमले के बाद कैब ड्राइवर वहां से फरार हो गया था. हालांकि, उसकी कार की नंबर प्लेट की मदद से कुछ ही देर में आरोपी को ढूंढ लिया गया. पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर मेडिकल जांच के लिए भेज दिया है. शुरुआती जांच के बाद पुलिस ने बताया है कि असगर के किसी आतंकी संगठन के साथ संबंध होने की आशंका बेहद कम है.
अमेरिकी सैनिक ने इजराइली दूतावास के बाहर खुद को आग लगाई
पिछले साल अक्टूबर में इजराइल और हमास के बीच जंग शुरू होने के बाद से कुछ देशों में यहूदियों तो वहीं कुछ और देशों में मुस्लिमों को टारगेट किया गया है. इसी साल फरवरी में वॉशिंगटन इजराइली दूतावास के बाहर अमेरिकी एयरफोर्स के एक सैनिक ने आत्मदाह करने की कोशिश की थी.
उसने कहा था कि वह गाजा में हो रहे नरसंहार में शामिल नहीं हो सकता. इसके साथ ही सैनिक ने फिलिस्तीन की आजादी की मांग उठाई थी. हालांकि, दूतावास में मौजूद सुरक्षा अधिकारियों ने समय रहते सैनिक को रेस्क्यू करके अस्पताल भिजवा दिया था.
दूसरी तरफ, पिछले महीने अमेरिका की कई यूनिवर्सिटीज में इजराइल के विरोध और फिलिस्तीन की आजादी के समर्थन में प्रदर्शन हुए थे. इस दौरान सैकड़ों छात्रों को गिरफ्तार किया गया था. कई दिनों तक चले प्रदर्शनों के बाद अमेरिका की पुलिस मामले को शांत करने में सफल रही थी.