दिल्ली से सटे हरियाणा के फरीदाबाद स्थित बादशाह खान सिविल अस्पताल में एक पाकिस्तानी महिला ने जुड़वा बच्चों (एक बेटे और एक बेटी) को जन्म दिया है. यह महिला अपने पति और बच्चों के साथ कुछ महीनों पहले टूरिस्ट वीजा पर पाकिस्तान से भारत आई थी. अस्पताल प्रशासन के अनुसार, फिलहाल महिला और दोनों नवजात स्वस्थ हैं और डॉक्टरों की निगरानी में हैं.
महिला की पहचान दुर्गा के रूप में हुई है. दुर्गा अस्पताल के बेड पर अपने नवजात बच्चों के साथ दिखाई दी. दुर्गा का कहना है कि वह चार-पांच महीने पहले पाकिस्तान से अपने पति और दो बेटियों के साथ भारत आई थी. हालांकि, उसके पति पुरुषोत्तम ने बताया कि उनकी पहले से ही पांच बेटियां हैं और अब जुड़वा बच्चों के जन्म के बाद कुल सात बच्चे हो गए हैं.
‘भारत की नागरिकता मिलनी चाहिए’
दुर्गा का कहना है कि पाकिस्तान में हिंदू समुदाय पर अत्याचार बढ़ते जा रहे थे, इसी कारण वह टूरिस्ट वीजा लेकर भारत आई. वह भारत में मिल रही सुरक्षा और सुविधाओं से संतुष्ट है और अपने बच्चों का भविष्य यहीं देखती है. दुर्गा ने यह भी कहा कि उसके नवजात भारत में पैदा हुए हैं, इसलिए उन्हें भारत की नागरिकता मिलनी चाहिए.
जब दुर्गा से यह पूछा गया कि हाल ही में भारत सरकार ने भारत-पाक युद्ध के समय पाकिस्तान से आए नागरिकों को वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू की है, तो उसने साफ किया कि वह और उसका परिवार अब पाकिस्तान नहीं जाना चाहते. वहीं, दुर्गा के पति पुरुषोत्तम ने भी भारत में ही बसने की इच्छा जताई है. उन्होंने बताया कि वह भाटी माइंस इलाके में अपने परिवार के साथ रहते हैं, जहां कई अन्य पाकिस्तानी परिवार भी वर्षों से रह रहे हैं.
मजदूरी करके जीवन यापन
पुरुषोत्तम का कहना है कि भारत में जो सुविधाएं उन्हें मिल रही हैं, वैसी पाकिस्तान में नहीं थी. वे जाति से पंडित हैं और भारत में मेहनत-मजदूरी के साथ पूजा-पाठ करके परिवार चला रहे हैं. उन्होंने भारत सरकार से स्थायी निवास की अनुमति देने की अपील की है. रिपोर्ट के अनुसार, दुर्गा का वीजा 23 दिसंबर 2024 से 20 जून 2025 तक वैध था, जो अब समाप्त हो चुका है. इसके बावजूद वह अब तक पाकिस्तान नहीं लौटी है.
दुर्गा की बुआ सास वजीरा ने बताया कि वह भी लगभग 50 साल पहले भारत में पाकिस्तान से आई थी जो की भाटी माइंस इलाके में ही रह रही है. उनका दावा है कि उन्हें भारत सरकार से पेंशन समेत सभी सुविधाएं मिल रही हैं और वह भारतीय नागरिक बन चुकी हैं. वजीरा ने यह भी कहा कि उस इलाके में लगभग 10,000 पाकिस्तानी नागरिक रहते हैं, जो लंबे समय से भारत में बसे हुए हैं.