पाकिस्तान की कराची जेल में बंद एक भारतीय मछुआरे ने रिहाई का इंतजार करते-करते दम तोड़ दिया. बाबू नाम के इस कैदी को पाकिस्तानी अधिकारियों ने 2022 में गिरफ्तार कर लिया था. उसने अपनी जेल की सजा पूरी कर ली थी. हालांकि, पाकिस्तानी अधिकारियों ने उसकी रिहाई में देरी की और इस बीच 23 जनवरी को उसकी मौत हो गई. भारत सरकार से जुड़े सूत्रों ने शुक्रवार 24 जनवरी को यह जानकारी दी.
पाकिस्तान की जेल में ऐसे भारतीय मछुआरों की मौत का यह आठवां मामला है. जो वह अपनी सजा पूरी होने के बाद रिहाई का इंतजार कर रहे थे. इन घटनाओं ने पाकिस्तान की जेलों में भारतीय कैदियों के साथ किए जाने वाले व्यवहार और वहां की हालात को लेकर सवाल खड़े किए हैं.
पाकिस्तान की जेल में 180 भारतीय मछुआरे
इस वक्त करीब 180 भारतीय मछुआरे ऐसे है, जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है. हालांकि इसके बावजूद पाकिस्तान में बंद हैं और अपने वतन लौटने का इंतजार कर रहे हैं.
भारत ने लगातार पाकिस्तान सरकार से इन कैदियों की जल्द रिहाई का आग्रह किया है, लेकिन यह मामला दोनों देशों के बीच एक विवाद का मुद्दा बना हुआ है.
एक और मछुआरे की भी हुई थी मौत
अप्रैल 2024 में महाराष्ट्र के मछुआरे विनोद लक्ष्मण कोल की भी कराची जेल में मौत हो गई थी. उन्हें अक्टूबर 2022 में पाकिस्तानी जलक्षेत्र में प्रवेश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. जेल में, 8 मार्च को उन्हें लकवे का अटैक हुआ और 17 मार्च को इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई.
भारत-पाकिस्तान के बीच कैदियों का मुद्दा
विदेश मंत्रालय की 20 दिसंबर, 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में कुल 209 भारतीय मछुआरे बंद हैं.
- इनमें से 51 मछुआरे 2021 से जेल में हैं.
- वहीं 130 मछुआरे 2022 से कैद हैं.
- 9 मछुआरे 2023 से बंद हैं.
- 19 मछुआरे 2024 में गिरफ्तार किए गए.
2014 से अब तक 2,639 भारतीय मछुआरों को पाकिस्तान से रिहा किया गया है.
भारत की पाकिस्तान से मांग
भारतीय सरकार ने मछुआरों की समय पर रिहाई सुनिश्चित करने और जेलों में उनकी बेहतर स्थिति की मांग की है. इन मामलों पर दोनों देशों के बीच चर्चा जारी है, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है.