भारत और पाकिस्तान के बीच उपजे सैन्य टकराव और ऑपरेशन सिंदूर के बाद आखिरकार युद्ध विराम की घोषणा हो गई, लेकिन इसके पीछे की कहानी अब सामने आई है. भारत ने कूटनीतिक मोर्चे पर बड़ी कामयाबी हासिल की, जब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका को पाकिस्तान की न्यूक्लियर चाल और ‘सिविल फ्लाइट शील्ड’ के इस्तेमाल की जानकारी दी. इसके बाद अमेरिका को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा.
सूत्रों के मुताबिक, भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को इनपुट मिला था कि पाकिस्तान की सेना भारत पर हमले की तैयारी कर रही थी और वह अपने सैन्य विमानों की आवाजाही को पैसेंजर फ्लाइट के बीच छिपाकर अंजाम दे रही थी. इस बात का खुलासा NSA अजीत डोभाल ने अमेरिकी प्रशासन के सामने किया, साथ ही विदेश मंत्री जयशंकर ने भी अमेरिका को इस बात की गंभीरता से जानकारी दी कि पाकिस्तान किस तरह से अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर रहा है.
एनएसए अजीत डोभाल और विदेश मंत्री जयशंकर के द्वारा दी गई ब्रीफिंग के बाद अमेरिका को यह स्पष्ट हो गया कि पाकिस्तानी सेना भारतीय सेना पर हमला करने के लिए अपनी सिविल फ्लाइट का इस्तेमाल कर रही है. अमेरिका ने यह भी माना कि पाकिस्तान दुनिया की सुरक्षा के लिए खतरा है.
पाकिस्तान भी अपनी सेना की हार के बाद एनएसए डोभाल से बात करने की कोशिश कर रहा था. इसके बाद वॉशिंगटन ने इस मुद्दे पर तुरंत कार्रवाई की. अमेरिका ने दोनों देशों से बात की और पाकिस्तान की सेना को पीछे हटने पर मजबूर किया. भारत ने अमेरिका की मध्यस्थता के बावजूद युद्धविराम की घोषणा अपनी शर्तों पर की.
ऑपरेशन सिंदूर में भारत की कूटनीतिक और सैन्य जीत
चार दिन चले ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को कड़ा जवाब दिया और उसकी सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले किए. पूरे अभियान के दौरान भारत को कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ.
NSA अजीत डोभाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लगातार स्थिति की जानकारी देते रहे और हर कदम पर उन्हें अपडेट किया जाता रहा. प्रधानमंत्री ने भी स्पष्ट कर दिया था कि भारत अब पुरानी नीति पर नहीं चलेगा, हर आक्रामकता का जवाब अपने तरीके से दिया जाएगा.