विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि पाकिस्तान ने कल रात 8 मई को भारत के सुरक्षा ठिकानों का पता लगाने के मकसद से मिसाइल और ड्रोन दागे थे. इस हमले में पाकिस्तान ने संभवत: तुर्की के ड्रोन का इस्तेमाल किया था. शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी.
विदेश मंत्रालय ने बताया कि 8 मई को भारतीय शहरों पर हुए हमलों में पाकिस्तान की सेना ने संभवतः तुर्की निर्मित ड्रोन का इस्तेमाल किया. ड्रोन के मलबे की शुरुआती फोरेंसिक जांच से पता चला है कि ये ड्रोन तुर्की के ‘Assisguard Songar’ मॉडल थे, जिन्हें आमतौर पर निगरानी और सटीक हमलों के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
‘PAK ने कई बार किया भारतीय हवाई क्षेत्र का उल्लंघन’
विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया, ‘8 और 9 मई की दरम्यानी रात में पाकिस्तान की सेना ने पूरे पश्चिमी सीमावर्ती इलाके में भारतीय हवाई क्षेत्र का कई बार उल्लंघन किया, जिनका मकसद सैन्य ढांचे को निशाना बनाना था.’ उन्होंने यह भी कहा कि ‘पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर भारी कैलिबर हथियारों से फायरिंग भी की.’
‘भारतीय सुरक्षा ठिकानों की जांच करना था मकसद’
इसके साथ ही सीमा पर बड़े पैमाने पर ड्रोन घुसपैठ की कोशिशें की गईं. उन्होंने बताया, ‘अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर लेह से लेकर सिर क्रीक तक 36 स्थानों पर लगभग 300 से 400 ड्रोन और अन्य गैर-घातक तरीकों से घुसपैठ की कोशिश की गई.’
इन हमलों का उद्देश्य भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम की क्षमता की जांच करना और खुफिया जानकारी एकत्र करना था. पाकिस्तान की ओर से ड्रोन भेजने का मकसद लोगों में दहशत फैलाना हो सकता है. साथ ही भारतीय सेना के सैन्य ठिकानों के बारे में जानकारी जुटाना भी हो सकता है. इनमें से ज्यादातर ड्रोन हथियारों से लैस नहीं थे.
भारतीय ड्रोन ने नष्ट किया पाक का एयर डिफेंस रडार
उन्होंने बताया, ‘स्थिति उस समय और गंभीर हो गई जब पाकिस्तान का एक सशस्त्र UAV (ड्रोन) बठिंडा के सैन्य स्टेशन को निशाना बनाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन उसे समय रहते नष्ट कर दिया गया.’
भारत ने इस हमले का करारा जवाब दिया. विदेश मंत्रालय ने बताया, ‘पाकिस्तानी हमले के जवाब में भारत की ओर से चार पाकिस्तानी एयर डिफेंस साइट्स पर सशस्त्र ड्रोन भेजे गए, जिनमें से एक ड्रोन ने एक एयर डिफेंस रडार को नष्ट कर दिया.’