मध्य प्रदेश के जबलपुर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां 11 लोगों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है. एक स्वास्थ्य अधिकारी ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी. स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. संजय मिश्रा ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि स्वाइन फ्लू के ये सभी मामले 11 जुलाई से 6 अगस्त के बीच सामने आए हैं.
11 में से 6 मरीज हुए ठीक
स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि 11 में से छह मरीजों को ठीक होने के बाद एक निजी अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, जबकि बाकी मरीजों का अस्पताल में चल रहा है.उन्होंने बताया कि स्वाइन फ्लू की पुष्टि होने से पहले संक्रमित व्यक्तियों को सर्दी, खांसी और बुखार की शिकायत थी. अधिकारी ने बताया कि सभी लोग जिले के अलग-अलग हिस्से के रहने वाले हैं.
इस घटना के बाद जिले का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है. स्वाइन फ्लू के प्रसार को रोकने के लिए कई टीमें विभिन्न क्षेत्रों में परीक्षण कर रही हैं. लोगों से भी सतर्कता बरतने की अपील की गई है. डॉक्टर्स का कहना है कि लक्षण दिखने पर लोग तुरंत अस्पताल आएं और पूरी सावधानी बरतें.
क्या है स्वाइन फ्लू
स्वाइन फ्लू सूअरों में होने वाला सांस संबंधी एक अत्यंत संक्रामक रोग है जो कई स्वाइन इंफ्लुएंजा वायरसों में से एक से फैलता है. आमतौर पर यह बीमारी सूअरों में ही होती है लेकिन कई बार सूअर के सीधे संपर्क में आने पर यह मनुष्य में भी फैल जाती है.
क्या हैं लक्षण स्वाइन फ्लू के लक्षण हैं सर्दी, जुकाम, सूखी खांसी होना, थकान होना, सिरदर्द और आंखों से पानी आना. इसके अलावा सांस भी फूलने लगती है. अगर संक्रमण गंभीर है तो बुखार तेज होता जाता है. ऐसे में तुरंत डॉक्टर के पास जाने की जरूरत होती है.
रखें ये सावधानियां
(1) इस बीमारी से बचने के लिए हाइजीन का खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए. खांसते समय और झींकते समय टीशू से कवर रखें. इसके बाद टीशू को नष्ट कर दें.
(2) बाहर से आकर हाथों को साबुन से अच्छे से धोएं और एल्कोहल बेस्ड सेनिटाइजर का इस्तेमाल करें.
(3) जिन लोगों में स्वाइन फ्लू के लक्षण हों तो उन्हें मास्क पहनना चाहिए और घर में ही रहना चाहिए.
(4) स्वाइन फ्लू के लक्षण वाले मरीज से क्लोज कॉंटेक्ट से बचें. हाथ मिलाने से बचें. रेग्यूलर ब्रेक पर हाथ धोते रहें.
(5) जिन लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही हो और तीन-चार दिन से हाई फीवर हो, उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए.
(6) स्वाइन फ्लू के टेस्ट के लिए गले और नाक के द्रव्यों का टेस्ट होता है जिससे एच1एन1 वायरस की पहचान की जाती है. ऐसा कोई भी टेस्ट डॉक्टर की सलाह के बाद ही करवाएं.