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इटावा में हड़कंप! सरकारी एम्बुलेंस से उतारकर प्राइवेट अस्पताल में भेजा मरीज, प्रशासन बेबस

इटावा : जनपद में प्राइवेट एम्बुलेंस कर्मचारियों की मनमानी कुछ इस तरीके से सर चढ़कर बोल रही है कि बात मरीज की जान पर भी बन सकती है, ताजा मामला जनपद इटावा के जिला अस्पताल का है जहां जिला अस्पताल में एक मरीज 108 एम्बुलेंस में रेफर होकर आया था.

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जिला अस्पताल के इमरजेंसी गेट के बहार खड़ी प्राइवेट एम्बुलेंस में शिफ्ट करा के मरीज को प्राइवेट अस्पताल भेज दिया गया, ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब सरकारी एम्बुलेंस के द्वारा मरीज को उपचार हेतु जिला चिकित्सालय रेफर करके लाया गया था तो फिर डाक्टरों द्वारा बिना मरीज को देखे हुए ही इमरजेंसी गेट के बाहर से प्राइवेट एम्बुलेंस के द्वारा निजी चिकत्सालय कैसे भेज दिया गया.

सूत्रों के मुताबिक पहले से ही सब कुछ सांठ गाँठ करके मरीज को 108 एम्बुलेंस से प्राइवेट एम्बुलेंस में शिफ्ट करके मरीज को प्राइवेट हॉस्पिटल भेज दिया जाता है, सब कुछ यह जिला अस्पताल में खुलेआम हो रहा है. उसके बाबजूद भी प्रशासन किसी भी प्रकार की कार्यवाही करने में नाकाम नजर आ रहा है. बिना डाक्टरों को दिखाए तथा बिना मरीज को भर्ती कराए सीधा प्राइवेट एम्बुलेंस के द्वारा मरीज को प्राइवेट अस्पताल ले जाया जाता है.

इटावा जिलाधिकारी के सख्त आदेश के बाबजूद भी प्राइवेट अस्पतालों की एम्बुलेंस धडल्ले से मरीजों को जिला अस्पताल से ले जा रही है, प्राइवेट एम्बुलेंस चालक खुले आम धज्जियाँ उड़ाते हुए नजर आ रहे है, प्राइवेट एम्बुलेंस बिना किसी भय के जिला अस्पताल के अन्दर धडल्ले से आती जाती है.

प्राइवेट एम्बुलेंस चालको को शासन प्रशासन का कोई भय नहीं रहा है.आखिरकार प्राइवेट एम्बुलेंसों का आवागमन जिला अस्पताल में खुले आम किसकी सह पर हो रहा है. मरीजों को सरकारी एम्बुलेंस से प्राइवेट एम्बुलेंस में शिफ्ट कराके प्राइवेट अस्पताल में भेजने का कार्य कौन कर रहा है. मरीजों के साथ सरेआम हो रहे खिलवाड़ का जिम्म्मेदार कौन है.

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