Madhya Pradesh: सीधी जिला अस्पताल में गुरुवार को उस वक्त अफरातफरी मच गई जब हाल ही में बना मुख्य द्वार अचानक भरभराकर गिर गया। गनीमत रही कि उस समय गेट के पास मौजूद सुरक्षाकर्मी और मरीजों के परिजन सतर्कता दिखाते हुए समय रहते वहां से हट गए, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। हालांकि दो मोटरसाइकिलें मलबे की चपेट में आ गईं और क्षतिग्रस्त हो गईं.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जिला अस्पताल के मुख्य प्रवेश द्वार के नीचे कई वाहन खड़े थे और लोग नियमित आवाजाही कर रहे थे। तभी अचानक से छज्जा भरभराकर गिर पड़ा। घटना के तुरंत बाद जिला प्रशासन मौके पर पहुंचा और स्थिति का जायजा लिया.
बताया जा रहा है कि यह गेट अस्पताल के जीर्णोद्धार कार्य के तहत हाल ही में निर्मित किया गया था, लेकिन निर्माण सामग्री की गुणवत्ता को लेकर पहले से ही सवाल उठ रहे थे। लोगों का कहना है कि निर्माण के कुछ ही समय बाद गेट में दरारें दिखने लगी थीं, जिससे डर बना हुआ था.
घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए सीधी सांसद डॉ. राजेश मिश्रा ने बताया, “यह छज्जा हाल में बना था और इसकी निर्माण गुणवत्ता बेहद घटिया थी। मैंने आज सुबह 11 बजे खुद अस्पताल पहुंचकर मुआयना किया है. मैं इस मामले की जांच करवाऊंगा और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.”
सांसद मिश्रा ने यह भी स्पष्ट किया कि छज्जे का निर्माण अलग से कराया गया था और इसमें इस्तेमाल हुए खराब मटेरियल ने हादसे की नींव रखी। उन्होंने प्रशासन से घटना की विस्तृत जांच रिपोर्ट तलब की है.
इस घटना ने न सिर्फ अस्पताल प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि निर्माण एजेंसियों की जवाबदेही पर भी बहस छेड़ दी है। हालांकि, राहत की बात यह रही कि जानमाल की कोई बड़ी क्षति नहीं हुई.