महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार में मंत्री पंकजा मुंडे ने गुरुवार को कहा कि वह मराठा आरक्षण के समर्थन में हैं, लेकिन यह अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के हिस्से से नहीं लिया जाना चाहिए, क्योंकि यह समुदाय पहले से ही वंचित है. बीड जिले के सावरगांव घाट में दशहरा रैली को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा कि लोगों के दिमाग से ‘जातिवाद का राक्षस’ खत्म करना होगा.
देवेंद्र फडणवीस सरकार ने गत 2 सितंबर को हैदराबाद गजट लागू करने का सरकारी प्रस्ताव जारी किया था, जिससे मराठा समुदाय के पात्र लोग कुणबी जाति प्रमाणपत्र के लिए आवेदन कर सकेंगे, ताकि उन्हें ओबीसी कोटे में आरक्षण मिले. महायुति सरकार का यह फैसला मनोज जरांगे के 29 अगस्त से मुंबई में 5 दिन की भूख हड़ताल के बाद आया था. हालांकि, इससे ओबीसी समुदाय में बेचैनी है, जो मराठों को ओबीसी श्रेणी में शामिल करने का विरोध कर रहे हैं.
ओबीसी समाज खुद वंचित है: पंकजा मुंडे
पंकजा मुंडे खुद ओबीसी समाज से आती हैं और महाराष्ट्र में इस समाज के दिग्गत नेता रहे गोपीनाथ मुंडे की बेटी हैं. उन्होंने बीड में दशहरा रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘गोपीनाथ मुंडे मराठा आरक्षण के समर्थक थे, और हम भी हैं. लेकिन इसे हमारे हिस्से से न लें. मेरा समुदाय भूखा है. मैं लोगों के संघर्ष देखकर सो नहीं पाती.’ उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी जाति के आधार पर लोगों का समर्थन नहीं किया, बल्कि मानवता को महत्व दिया.
पंकजा ने किसानों की मदद का किया वादा
उन्होंने बाढ़ प्रभावित किसानों की मदद का वादा किया. पंकजा मुंडे ने कहा, ‘बाढ़ के बावजूद लोग रैली में आए. बाढ़ में जाति की दीवारें टूट गईं, लोग एक-दूसरे की मदद के लिए आगे आए. हमें ऐसा ही समाज और नेतृत्व चाहिए. मैं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से वादा करती हूं कि सरकार किसानों के साथ खड़ी होगी.’
जातिवाद के राक्षस को खत्म करें: पंकजा मुंडे
पंकजा मुंडे ने कहा कि रक्तबीज जैसे राक्षस आज जातिवाद के रूप में लोगों के दिमाग में हैं. उन्होंने कहा, ‘मां दुर्गा मुझे इस जातिवाद रूपी रक्तबीज को खत्म करने की शक्ति दें.’ उन्होंने लोगों से आत्मसम्मान ना छोड़ने और असामाजिक तत्वों का समर्थन ना करने की अपील की. उनके चचेरे भाई और एनसीपी नेता धनंजय मुंडे ने भी रैली में मराठा आरक्षण को ओबीसी कोटे से देने का विरोध किया. उन्होंने कहा, ‘मराठा समुदाय को आरक्षण मिलने से खुशी है, लेकिन किसी का हिस्सा छीनकर देना स्वीकार्य नहीं.’