पन्ना : जिले से एक दर्दनाक हादसा सामने आया है.जिले के जरुआपुर इलाके में एक 13 वर्षीय छात्रा की हीरा खदान में डूबने से मौत हो गई. मृतका का नाम मोहनी गोंड बताया जा रहा है, जो कक्षा 6 की छात्रा थी.
जानकारी के मुताबिक, मोहनी अपने पिता विमल गोंड से मिलने आई हुई थी करीब 11 बजे वह गांव के पास स्थित एक हीरा खदान में नहाने चली गई. नहाते समय अचानक उसका पैर फिसल गया और वह गहरे पानी में जा गिरी.मोहनी तैर नहीं पाई और देखते ही देखते पानी में डूब गई. आधे घंटे तक जब वह बाहर नहीं निकली तो आसपास मौजूद कुछ बच्चों ने यह घटना देखी और उसके पिता को सूचना दी.
सूचना मिलते ही पिता विमल गोंड भागते हुए मौके पर पहुंचे.उन्होंने खदान से अपनी बेटी को बाहर निकाला और घर ले आए. सदमे की स्थिति में वे करीब एक घंटे तक बच्ची के पेट और सीने से पानी निकालने का प्रयास करते रहे.हालांकि, बच्ची में कोई हलचल नहीं हुई। इसके बाद वे उसे लेकर गांव पहुंचे, जहां ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना देने की सलाह दी.
पुलिस ने छात्रा को तत्काल जिला अस्पताल भिजवाया.डॉक्टरों ने चेकअप के बाद उसे मृत घोषित कर दिया.घटना की जानकारी मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। पोस्टमॉर्टम के लिए शव को भेजा गया, लेकिन जिला अस्पताल की अव्यवस्था यहां साफ नजर आई. शव वाहन उपलब्ध न होने की वजह से परिजनों को बच्ची का शव ऑटो रिक्शा में ले जाना पड़ा.
परिजनों का कहना है कि यह स्थिति बेहद शर्मनाक है। जिला अस्पताल जैसे बड़े संस्थान में अगर शव वाहन जैसी बुनियादी सुविधा न हो तो यह प्रशासन की गंभीर लापरवाही को दर्शाता है.इस हादसे ने न केवल एक परिवार की खुशियां छीन लीं, बल्कि स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं.
मृतका मोहनी गोंड परिवार में सबसे बड़ी संतान थी.पिता विमल गोंड के अनुसार, मोहनी तीन बहनों और एक भाई में सबसे बड़ी थी.उसके निधन से पूरा परिवार सदमे में है.गांव में भी गम का माहौल है.
स्थानीय लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि जिला अस्पताल में सुविधाओं को दुरुस्त किया जाए, ताकि इस तरह की स्थिति में परिजनों को शव को ऑटो या अन्य निजी साधनों से ले जाने की मजबूरी न हो.
इस घटना ने एक मासूम की जिंदगी लील ली और परिजनों के जीवनभर का गम दे दिया.साथ ही जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.