वो कहते हैं न कि प्यार किसी से भी कभी भी और कहीं भी हो सकता है. इसके लिए किसी से इजाजत नहीं ली जाती. बल्कि, खुद ब खुद किसी पर भी आपका दिल आ सकता है. फिर जब प्यार हो गया तो कोई लाख कोशिशें कर ले, आपके दिल से उस शख्स के प्रति मोहब्बत नहीं हटाई जा सकती. ऐसा ही एक वाकया मुजफ्फरनगर से सामने आया है. यहां एक पिता ने अपनी बेटी के लिए दूल्हा पसंद किया. रिश्ता भी तय हो गया. लेकिन बाद उन्होंने होने वाले समधी से अनबन के चलते रिश्ता तोड़ दिया.
लेकिन बेटी तो होने वाले दूल्हे को पहले ही दिल दे चुकी थी. वो उसी से शादी करना चाहती थी. दूल्हा भी उसे ही अपनी पत्नी मान चुका था. बस फिर क्या था. दोनों थाने पहुंचे और पुलिस से मदद मांगी. फिर क्या हुआ, चलिए जानते हैं…
मामला शाहपुर के मंसूरपुर थाना क्षेत्र का है. यहां पुरबालियान निवासी रोहताश पाल की पुत्री साक्षी का रिश्ता कस्बा निवासी राजेश के पुत्र अंकित के साथ करीब तीन माह पूर्व तय हुआ था. कुछ दिन पूर्व युवक व युवती के परिजनों में किसी बात को लेकर अनबन हो गई और दोनों का रिश्ता टूट गया.
रिश्ता होने के बाद युवक व युवती मोबाइल फोन पर आपस में बात करने लगे थे, जिससे दोनों में प्रेम हो गया था. सोमवार की देर शाम साक्षी अपने घर से कस्बा पुलिस चौकी पर पहुंची और उसने पुलिस से अंकित के साथ शादी करने की जिद की. पुलिस ने युवती के परिजनों को बुलाया और साक्षी की जिद के बारे में बताया. शुरुआत में तो युवती के परिजन शादी करने को तैयार नहीं हुए और उन्होंने युवती को काफी समझाया किंतु युवती ने उनकी एक न सुनी और अंकित से ही शादी करने की जिद पर अड़ी रही.
थाने में हुई दोनों की शादी
इसी दौरान पुलिस ने कस्बे के समाज सेवी अरविंद पाल को बुलाकर पूरे प्रकरण से अवगत कराया. इसके बाद अरविंद पाल ने युवती के परिजनों से वार्ता की तथा युवक के परिजनों को भी बुलाकर उनसे भी वार्ता की, जिसके बाद दोनों पक्ष युवक-युवती की शादी करने को तैयार हो गए. देर रात कस्बा पुलिस चौकी में ही युवक-युवती ने एक दूसरे के गले में वरमाला डालकर शादी कर ली और हमेशा-हमेशा के लिए पति-पत्नी के बंधन में बंधन गए. कस्बा चौकी प्रभारी धर्मेंद्र श्योराण व समाजसेवी अरविंद पाल ने दूल्हा दुल्हन दोनों को आशीर्वाद देने के साथ शगुन भेंट कर उन्हें विदा किया.