मां-बाप मजदूर, बेटी ने भरी सपनों की उड़ान… जानें गोपिका की एयर होस्टेस बनने तक की कहानी..

‘जब आप किसी चीज़ को पाना चाहते हैं, तो सारा ब्रह्मांड आपकी मदद करने में जुट जाता है.” यह शब्द पाओलो कोएलो ने अपनी प्रसिद्ध किताब ‘The Alchemist’ में लिखे थे. कुछ ऐसा ही एक मजदूर पिता की बेटी ने कर दिखाया है. बेटी गोपिका गोविंद की कहानी जिसने भी सुनी वह उनके दृढ़ संकल्प और मेहनत की तारीफ करते नहीं थक रहा है. गोपिका ने अपना एयर होस्टेस बनने का सपना पूरा किया है.

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गोपिका गोविंद केरल की रहने वाली हैं और उन्होंने राज्य की पहली आदिवासी एयर होस्टेस बनकर इतिहास रच दिया है. यह न केवल उनके लिए एक बड़ी सफलता है, बल्कि यह केरल के लिए भी गर्व की बात है. गोपिका का जन्म केरल के अलकोड़े के पास कावुनकुडी की एसटी कॉलोनी में हुआ था. उनके माता-पिता पी. गोविंदन और वी.जी. दिहाड़ी मजदूरी करते थे. गोपिका करिम्बाला आदिवासी समुदाय से आती हैं और उनका बचपन आर्थिक संघर्ष और सीमित अवसरों से भरा हुआ था. इसके बावजूद उन्होंने कभी भी अपने सपने को नहीं छोड़ा और उसे पाने के लिए लगातार मेहनत करती रहीं.

आसान नहीं था सफर

हालांकि गोपिका का सफर आसान नहीं था. परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए गोपिका ने ज्यादा व्यावहारिक रास्ता अपनाने का फैसला लिया और केमिस्ट्री में बीएससी की. यह उनके लिए आसान और किफायती था. लेकिन उनका सपना हमेशा जिंदा रहा. ग्रेजुएशन के बाद एक दिन न्यूज पेपर में एयर होस्टेस की यूनिफॉर्म पहने एक केबिन क्रू की तस्वीर ने उनका सपना फिर से जगा दिया. इसके बाद, गोपिका ने विमानन क्षेत्र में प्रवेश करने का फैसला किया.

दूसरे प्रयास मे मिली सफलता

गोपिका ने वायनाड के कलपेट्टा स्थित ड्रीम स्काई एविएशन ट्रेनिंग अकादमी में एक साल के डिप्लोमा कोर्स में दाखिला ले लिया. कोर्स के दौरान उन्होंने इंटरव्यू दिए लेकिन पहले प्रयास में चयन नहीं हो पाया. फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और दूसरे प्रयास में सफलता प्राप्त की. तीन महीने की ट्रेनिंग के बाद गोपिका ने अपनी पहली उड़ान कन्नूर से खाड़ी देशों तक भरी.

यह सफलता केवल उनके लिए एक पेशेवर मील का पत्थर नहीं थी बल्कि यह आदिवासी और वंचित समुदाय की युवतियों के लिए एक प्रेरणा बन गई. गोपिका का कहना है, ‘अगर आपके पास सपना है तो उसे निडरता से पूरा करें. आपको उसे हासिल करने का आत्मविश्वास भी होना चाहिए. इसके बिना हम कहीं नहीं पहुंच पाएंगे.’ गोपिका की यह सफलता न केवल उनके लिए बल्कि उन सभी लड़कियों के लिए प्रेरणादायक है जो जीवन में बड़े सपने देखती हैं. उनकी सफलता यह सिखाती है कि यदि आपके पास दृढ़ निश्चय है तो कोई भी सपना असंभव नहीं है.

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