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परेश रावल की ‘द ताज स्टोरी’ को लेकर उठे सवाल, एक्टर बोले- धर्म से नहीं जुड़ी फिल्म

परेश रावल फिल्मी दुनिया के दिग्गज सितारों में आते हैं, जल्द ही वो फिल्म थामा में दिखने वाले हैं. लेकिन, इस फिल्म के साथ ही सिनेमाघरों में एक और फिल्म दस्तक देने वाली है, जिसका नाम ‘द ताज स्टोरी’ है. इस फिल्म में परेश रावल लीड रोल प्ले करते दिखेंगे. हालांकि, रिलीज से पहले ही इस फिल्म को लेकर विवाद शुरू हो गया है. वहीं एक्टर ने हाल ही में सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए फिल्म को लेकर क्लियर किया है कि ‘द ताज स्टोरी’ किसी भी धार्मिक मुद्दे से जुड़ा हुआ नहीं है.

31 अक्टूबर को ‘द ताज स्टोरी’ रिलीज होने वाली है, हालांकि हाल ही में फिल्म का पोस्टर रिलीज हुआ है. जिसके साथ परेश रावल ने लिखा है कि क्या होगा अगर आपको जो कुछ भी सिखाया गया है वह सब झूठ है? सच्चाई सिर्फ़ छुपाई नहीं जाती, उसका आकलन किया जा रहा है. हालांकि, इसी दौरान सोशल मीडिया पर एक यूजर ने एक्टर की साल 2017 की पोस्ट पर कमेंट करते हुए लिखा है, ताजमहल को “तेजो महालय” बताने वाली एक प्रोपेगैंडा फिल्म बनाने वाले व्यक्ति का ट्वीट.’

धार्मिक मुद्दे से संबंधित नहीं है

एक्टर के पुराने ट्वीट की बात करें, तो उन्होंने लिखा था कि प्रेम का प्रतीक ताजमहल नफरत का प्रतीक बन गया, मूर्खतापूर्ण, अनावश्यक, दुखद और दयनीय विवाद. लेकिन अब एक्टर ने फिल्म को किसी धार्मिक संबंधों से जुड़ने की साफ मनाही की है. उन्होंने अपने ऑफिशियल अकाउंट पर फिल्म से जुड़ा एक पोस्ट शेयर किया है. जिसमें लिखा है, फिल्म ”द ताज स्टोरी” के निर्माता स्पष्ट करते हैं कि यह फिल्म किसी भी धार्मिक मुद्दे से संबंधित नहीं है.

ऐतिहासिक तथ्यों पर केंद्रित है

परेश रावल ने आगे लिखा, न ही यह दावा करती है कि ताजमहल के भीतर कोई शिव मंदिर है. यह केवल ऐतिहासिक तथ्यों पर केंद्रित है. हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप फिल्म देखें और अपनी राय बनाएं.फिल्म के बारे में बात करें, तो इसमें फिल्म में ज़ाकिर हुसैन , अमृता खानविलकर, स्नेहा वाघ और नमित दास जैसे कलाकार शामिल हैं. इस फिल्म को तुषार अमरीश गोयल ने लिखा भी है और इसे डायरेक्ट भी किया है.

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