चकरभाठा स्थित बिलासा एयरपोर्ट में सियार घूम रहे हैं, जो कभी भी रनवे पर आ सकते हैं। यह यात्रियों की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन गए हैं। एयरपोर्ट के रनवे से सटे जंगल में सियारों का यह झुंड रहता है।
इससे एयरपोर्ट प्रबंधन की चिंता बढ़ गई है। सियार पकड़ने के लिए पहले भी प्रयास किए गए लेकिन, सफलता नहीं मिली। बीच सियार नजर नहीं आ रहे थे, लेकिन पिछले कई दिनों से चार-पांच की संख्या में सियार को घूमते देखा जा रहा है। जिसे देखते हुए एयरपोर्ट प्रबंधन ने वन विभाग से मदद मांगी है।
एयरपोर्ट बना जंगली जानवरों का ठिकाना
इस पर कानन पेंडारी जू का रेस्क्यू दल एयरपोर्ट पहुंचा। लेकिन, आसपास इतने घनी झाड़ी है कि सियार नजर नहीं आए। एयरपोर्ट में सुरक्षा घेरा पर्याप्त नहीं है। यही कारण है कि अब यह जगह जंगली जानवरों का ठिकाना बन गया है। साल 2023 में इसी तरह 12 से 15 सियारों का झुंड नजर आया था। उस समय भी प्रबंधन ने वन विभाग की मदद मांगी थी। लेकिन एयरपोर्ट के दायरे में झाड़ियों के कारण वन अमले को उन्हें ढूंढने में दिक्कत हुई। हालांकि बाद में सियार नजर नहीं आए।
रेलवे के कर्मचारियों ने देखे सियार
इसके बाद एयरपोर्ट प्रबंधन ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया। लेकिन, एक बार सियार दिख रहे हैं। एयरपोर्ट के कर्मचारियों उन्हें रनवे के करीब प्रत्यक्ष देखा भी है। इसके बाद से प्रबंधन की चिंता बढ़ गई है। यदि रनवे पर सियार घूमते नजर आते हैं तो फ्लाइट को उड़ान भरने और लैडिंग दोनों में दिक्कत आ सकती है। दुर्घटना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। यही कारण है कि एयरपोर्ट प्रबंधन ने सियार आने की सूचना बिलासपुर वनमंडल के डीएफओ को दी।
डीएफओ ने कानन पेंडारी जू प्रबंधन को सूचना देकर रेस्क्यू दल को भेजने के लिए कहा। जू के वन्यप्राणी चिकित्सक डा.पीके चंदन के नेतृत्व में दल एयरपोर्ट पहुंच। एयरपोर्ट प्रबंधन ने पुष्टि की है कि यहां चार सियार देखे जा रहे हैं। संख्या और अधिक हो सकती है। जू के रेस्क्यू दल के सदस्यों ने सियार रेस्क्यू करने खोजबीन की। लेकिन, झाड़ियां इतनी हैं कि उन्हें सियार नजर ही नहीं आया। बाद में रेस्क्यू दल लौट आया। हालांकि एयरपोर्ट प्रबंधन को कहा गया कि अब सियार नजर आते हैं तो तत्काल सूचना दें।
सियारों की हो रही तलाश
झाड़ियों की सफाई करने का दिया सुझाव कानन के रेस्क्यू दल ने एयरपोर्ट प्रबंधन से कहा कि झाड़ियों की सफाई करें। इसके बिना सियार या उनका रहवास स्पष्ट नजर नहीं आएगा। एयरपोर्ट परिसर में झाड़ी होने से यह तो स्पष्ट है कि प्रबंधन सफाई को लेकर जरा भी सजग नहीं है। अब उन्हें सफाई में इतना समय लग जाएगा कि दोबार सियार को ढूंढने के लिए रेस्क्यू दल का भारी मशक्कत करनी पड़ेगी।
सियारों ने बढ़ाया डर
पिंजरे में मुर्गा बांधकर सियार पकड़ने की योजना हो चुकी है फेल दो साल पहले जब एयरपोर्ट के अंदर सियार होने की सूचना मिली थी, तब उन्हें पकड़ने के लिए वन विभाग सहयोग ने खूब जद्दोजहद की। मुर्गा बांधकर दो पिंजरे रखे गए, ताकि इन्हें खाने की लालच में सियार पहुंचे और पिंजरे में कैद हो जाए।
सियार को पिंजरे में कैद करने के लिए यह प्रयास लगातार तीन से चार दिन तक किया गया। सियार पिंजरे में नहीं फंसे यह जरुर है कि सियार पिंजरे के नजदीक तक पहुंचे थे। पिंजरे के आसपास उनके पैरों के निशान मिले हैं। दोबारा कानन दल इस तरह के प्रयास करने की कोशिश करेगा।