अचानक बीमार पड़े लोगों को आए दिन अस्पताल पहुंचते समय सड़क पर जाम का सामना करना पड़ता है. इसकी वजह से जान जाने का खतरा भी बना रहता है. इस समस्या का समाधान खोजने के लिए लगातार कोशिशें की जाती रही हैं, लेकिन अब मरीज जाम में नहीं फंसेंगे क्योंकि हवा में उड़ने वाली एंबुलेंस आने वाली है. इसके लिए एक भारतीय इलेक्ट्रिक एयक्राफ्ट स्टार्टअप ईप्लेन कंपनी ने डील की है.
दरअसल, भारतीय इलेक्ट्रिक एयरक्राफ्ट स्टार्टअप ईप्लेन कंपनी ने ऐलान करते हुए कहा कि वह 1 बिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के डील में 788 एयर एंबुलेंस की सप्लाई करने के लिए सहमत हो गई है. ये ऐसे समय में डील हुई है जब देश बिजी शहरों में बिगड़ती ट्रैफिक व्यवस्था से जूझ रहा है. नॉन बाइंडिंग एग्रीमेंट के तहत यह इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेकऑफ और लैंडिंग (ईवीटीओएल) विमान आईसीएटीटी को सप्लाई किए जाएंगे, जो एक एयर एंबुलेंस सर्विस प्रोवाइडर है. इन एंबुलेंस को देश के सभी जिलों में तैनात करने की योजना बनाई जा रही है.
हर साल बनाए जाएंगे 100 एयरक्राफ्ट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी के संस्थापक सत्य चक्रवर्ती का कहना है कि बैटरी से चलने वाले एयरक्राफ्ट विकसित करके शहरी यात्रा में क्रांति लाने की कोशिश करेंगे. यात्रियों को ट्रैफिक जाम से बचने का मौका मिल सकेगा. भारत के उभरते ईवीटीओएल बाजार में आर्चर एविएशन, ओपन्स न्यू टैब और सरला एविएशन जैसी कंपनियां भी शामिल हैं. ईप्लेन 2026 तक कॉमर्शियल ऑपरेशन को टारगेट कर रहा है, जिसमें हर साल 100 यूनिट्स का प्रारंभिक प्रोडक्शन किया जाएगा.
110 KM तक उड़ान भर सकेगा एयरक्राफ्ट
उन्होंने कहा, ‘हम सीधे एयर टैक्सी की तुलना में एयर एंबुलेंस के साथ अपने प्रोडक्शन को बढ़ा सकते हैं और बाजार में चीजों का बेहतर उपयोग कर सकते हैं. एयर टैक्सी के साथ जल्दी में जाने की तुलना में हमारे लिए एयर एंबुलेंस को बहुत अधिक व्यवस्थित रूप से बढ़ाना संभव है.’ एयरक्राफ्ट की शुरुआती उड़ान की रेंज लगभग 110 किलोमीटर होगी, जिसे बाद में 200 किलोमीटर से अधिक तक बढ़ाया जा सकता है. कंपनी ईप्लेन ने निवेशकों से अब तक 20 मिलियन डॉलर जुटा लिए हैं. कंपनी एंबुलेंस के तीन प्रोटोटाइप के साथ शुरुआत करना चाहती है, जिसमें एक पायलट, एक पैरामेडिक और एक मरीज के साथ-साथ एक स्ट्रेचर भी होगा.