बिहार की राजधानी पटना में डॉक्टरों की लापरवाही का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एनएमसीएच) एक मरीज की मौत के बाद उसकी आंख गायब मिली. जैसे ही मृतक के परिजनों ने यह देखा तो उन्होंने हंगामा कर दिया.
दरअसल नालंदा में हुई हिंसा में फंटूश नाम के शख्स को गोली लगने के बाद 14 नवंबर को एनएमसीएच अस्पताल में भर्ती किया गया था. हालात गंभीर होने की वजह से फंटूश को आईसीयू में शिफ्ट किया गया. इलाज के दौरान 15 नवंबर की सुबह फंटूश को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया. अब फंटूश के परिजनों ने अस्पताल के डॉक्टर पर आरोप लगाया उसकी मौत के बाद आंख निकाल ली गई.
मृतक की बांयी आंख मिली गायब
फंटूश के परिजनों के मुताबिक, ‘उसे अपराधियों ने पेट में गोली मार दी थी जिसके बाद उसे 14 तारीख को अस्पताल में भर्ती कराया गया. दिन में ऑपरेशन हुआ और रात को फंटूश की मौत हो गई. परिजनों ने पोस्टमार्टम के लिए सभी प्रयास किए लेकिन रात होने के कारण पोस्टमार्टम नही हो पाया जिसके कारण आईसीयू में लाश को बेड पर ही छोड़ दिया गया. शनिवार सुबह जब पोस्टमार्टम की तैयारी शुरू हुई तो मृतक की बांयी आंख गायब मिली और पास में ही सर्जिकल ब्लेड रखी हुई थी.’
मृतक के भतीजे अंकित कुमार ने आज तक से बात करते हुए कहा, ‘कल रात में मेरे चाचा की मौत हो गई इलाज के दौरान रात में पोस्टमार्टम नहीं हुआ उसके बाद सुबह जब ICU में लाश देखने गए तो उनकी बांयी आंख गायब थी. हम लोगों को अस्पताल के कर्मचारियों पर शक है जिन्होंने मेरे चाचा की आंख निकाल दी.’
अस्पताल की अजब सफाई
हंगामा बढ़ता देख NMCH अस्पताल के अधीक्षक डॉ० विनोद कुमार सामने आए और सफाई देते हुए कहा, ‘या तो किसी ने आंख निकाल ली है या फिर चूहा आंख को डेमैज किया है. दोनों ही परिस्थिति में हमारा दोष ही माना जाएगा. इसकी जांच की जा रही है. जांच के लिए एक चार सदस्यीय टीम बनाई गई है और जो भी दोषी होंगे उनपर करवाई होगी.’
पटना सिटी के एएसपी अतुलेश झा ने कहा कि उनकी टीम सभी बिन्दुओं पर जांच कर रही है और परिजनों बयान लिए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सीसीटीवी को भी खंगाला जा रहा है और जो भी दोषी होगा उसे छोड़ा नहीं जाएगा.