औरंगाबाद: पटना से आई निगरानी विभाग की टीम ने नगर थाने से विरमित हुए दारोगा उमेश राम को थाने के ही गेट के पास रिश्वत के 20 हजार रुपए के साथ बुधवार की रात गिरफ्तार किया है. इस संबंध में नगर थाना क्षेत्र के बराटपुर वार्ड संख्या 23 के निवासी अधिवक्ता राजेश कुमार सिन्हा ने बताया कि वे अपने आवास पर गैस एजेंसी के सीएचपी ब्रांच का संचालन करते थे. यह ब्रांच उनकी पत्नी सीमा कुमारी के नाम से था.
इस ब्रांच के संदर्भ में वार्ड परिषद सदस्य आरती श्रीवास्तव द्वारा अनियमितता से संबंधित एक शिकायत अनुमंडल पदाधिकारी के यहां दर्ज कराई गई थी. शिकायत के आलोक में प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी औरंगाबाद के नेतृत्व में छापेमारी की गई और 80 सिलिंडर जब्त किए गए। जिसमें 60 खाली तथा बीस भरा हुआ सिलिंडर था. इस संबंध में नगर थाने में कांड संख्या 200/25 के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई.
जिसके अनुसंधानकर्ता उमेश राम बनाए गए। उन्होंने बताया कि गैस एजेंसी सीएचपी ब्रांच के नॉर्म्स के हिसाब से कोई भी सीएसपी संचालक अपने यहां 100 किलोग्राम तक भरा गैस रख सकता है.परंतु मेरी बातों को नजर अंदाज किया गया और परेशान किया जाने लगा.दारोगा उमेश राम के द्वारा सिलिंडर छोड़े जाने को लेकर लगातार बीस हजार रुपए का डिमांड किया जाने लगा. जिसकी सूचना मेरे द्वारा निगरानी विभाग पटना को दी गई.सूचना पर निगरानी विभाग के डीएसपी पवन कुमार और विंध्याचल प्रसाद के नेतृत्व में गठित छह सदस्यीय टीम ने आज उन्हें 20 हजार रुपए नगद रिश्वत लेने के बाद पकड़ लिया गया। इस मामले में रात्रि 11 बजे निगरानी डीएसपी पवन कुमार ने बताया कि बराटपुर निवासी राजेश कुमार सिन्हा की पत्नी के नाम से सुंदरम भारत ग्रामीण गैस वितरण केंद्र चलाया जा रहा था और प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी औरंगाबाद द्वारा इस संबंध में नगर थाने में कांड दर्ज कराया गया था.
मामले में इनकी पत्नी को जमानत मिल चुकी है. लेकिन दरोगा द्वारा लाभ देने और गैस की टंकी मुक्त करने के एवज में 20 हजार रुपए की मांग की जा रही थी. इसकी शिकायत राजेश कुमार सिन्हा द्वारा की गई थी. इनके शिकायत की सत्यता की जांच कर विभाग में एक प्राथमिकी दर्ज कर आज कार्रवाई की गई.जिसमें दारोगा उमेश राम को नगर थाने के गेट पर ही बीस हजार रुपए रिश्वत की रकम के साथ गिरफ्तार किया गया और आगे की कार्रवाई की जा रही है। निगरानी विभाग की टीम में पुलिस निरीक्षक मुरारी प्रसाद, सहायक अवर निरीक्षक रविशंकर, मणिकांत एवं आशीष कुमार शामिल थे.प्राप्त जानकारी के अनुसार गिरफ्तार हुए दारोगा का स्थानांतरण नालंदा के लिए हो गया था और मंगलवार को एसपी ने उन्हें विरमित भी कर दिया था। लेकिन उनके द्वारा स्थानांतरण के बाद भी अपना चार्ज समर्पित नहीं किया गया था और आज वे निगरानी विभाग के जाल में फंस गए.