मध्य प्रदेश के छतरपुर में अब पटवारी सड़क से गौशाला तक गायों को हांकते हुए ले जाया करेंगे. यह अजीब आदेश जिला प्रशासन ने राजस्व विभाग के पटवारी समेत अन्य कर्मचारियों के लिए जारी किया है. इस फरमान के बाद जिले में बवाल मच गया है. पटवारी व राजस्व कर्मी इस आदेश की खिलाफत कर रहे हैं. पटवारी संघ ने आदेश वापस न लेने पर प्रदर्शन की धमकी दी है.
जिले के बिजावर एसडीएम विजय कुमार द्विवेदी ने फरमान जारी करते हुए कहा है कि शाम 6 बजे से लेकर रात 10 बजे तक सड़क पर जो गाय रहती हैं, उन्हें पटवारी और अन्य कर्मचारी गौशाला तक ले जाएंगे. एसडीएम का कहना है कि पटवारियो की सड़क पर बैठे मवेशियों को गौशाला भेजने की ड्यूटी से राजस्व का काम प्रभावित नहीं होगा. सड़क पर बैठे गायों की वजह से लगातार हादसे हो रहे हैं, इसी को रोकने के लिए ये निर्णय लिया गया है.
पटवारी संघ ने जताया विरोध
एसडीएम के इस फैसले का जिले के पटवारियों ने विरोध जताया है. इस फैसले के खिलाफ पटवारी संघ भी सामने आया है. संघ के अध्यक्ष प्रीतम पटवारी का कहना है कि हमारे पास वैसे ही राजस्व विभाग में बहुत काम हैं. ये काम गौ-रक्षक या फिर नगर निगम करें तो बेहतर है. वह कहते हैं कि इस आदेश को वापिस लेना होगा वरना हम प्रदर्शन करेंगे.
कांग्रेस ने लगाए आरोप, BJP ने सराहा
एसडीएम के इस फैसले के बाद प्रदेश में सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस ने इसे लेकर सरकार पर आरोप लगाए हैं. वहीं, बीजेपी ने इस फैसले को सही कदम बताया है. कांग्रेस प्रवक्ता अवनिश बुंदेला ने कहा है कि प्रदेश सरकार गायों को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है, मगर सच्चाई कुछ अलग है. अब पटवारियों को कहा जा रहा है कि गाय पकड़कर लाइए. वह कहते हैं कि ये काम पटवारियों का नहीं है. एसडीएम के इस फैसले पर बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता नेहा बग्गा का कहना है कि जनता की भलाई के लिए प्रशासन को ऐसे निर्णय लेने पड़ते हैं. नए-नए प्रयोग प्रशासन करता रहता है.