आंध्र प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री और तेलुगू इंडस्ट्री के बड़े स्टार पवन कल्याण ने आखिरकार फिल्म ‘पुष्पा 2’ की स्क्रीनिंग पर मची भगदड़ पर जारी विवाद को लेकर चुप्पी तोड़ी है. तेलुगू सिनेमा में, ‘पुष्पा 2’ स्टार अल्लू अर्जन के साथी कलाकार होने के साथ-साथ, पवन कल्याण उनके रिश्तेदार भी हैं. ऐसे में लोग इस विवाद की शुरुआत से ही पवन के बयान का इंतजार कर रहे थे. मंगलगिरी में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पवन ने इस मामले पर अपनी राय दी.
पवन ने क्या कहा?
पवन ने कहा, ‘कानून सभी के लिए बराबर है. मैं ऐसे मामले में पुलिस को दोष नहीं देता, वो जनता की सुरक्षा ध्यान में रखते हुए एक्ट करते हैं. हालांकि, थिएटर स्टाफ को किसी समस्या की जानकारी अल्लू अर्जुन को पहले देनी चाहिए थी. जब वो सीट पर बैठ चुके थे, तो जरूरत पड़ने पर उन्हें सीट खाली करने को कहा जा सकता था. ये अच्छा होता कि अल्लू अर्जुन की तरफ से कोई पहले ही पीड़ित परिवार से मिलने चला जाता. इस घटना में रेवती की मौत ने मुझे बहुत शॉक कर दिया. इन्होने एक नुकसान को और भी बड़ी ट्रेजेडी में बदल दिया.’
रेवती के परिवार से पहले ही करनी चाहिए थी मुलाकात
आगे पवन ने कहा कि हर किसी को रेवती के परिवार से जाकर मिलना चाहिए था और संवेदनाएं व्यक्त करनी चाहिए थी. उन्होंने आगे कहा, ‘लोगों का गुस्सा ऐसे किसी जेस्चर की कमी से उमड़ रहा है. अर्जुन भी इस बात को जानने का दर्द समझ रहे हैं कि इस घटना की वजह से किसी की जान चली गई. सिर्फ अल्लू अर्जुन को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाना सही नहीं है. तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने, मुख्यमंत्री के तौर पर भगदड़ के बाद के परिस्थितियों पर सटीक रिस्पॉन्स दिया. कभी-कभी हालात खुद फैसला करते हैं. पहले, चिरंजीवी भी अपनी फिल्में अपने फैन्स के साथ देखा करते थे. वरना वो भी मास्क लागाकर अकेले ही जाया करते.’
बता दें, हैदराबाद के संध्या थिएटर में अल्लू अर्जुन खुद अपनी फिल्म ‘पुष्पा 2’ की स्पेशल प्रीमियर स्क्रीनिंग में पहुंचे थे. अर्जुन के आने की खबर फैन्स में फैली और उनकी एक झलक पाने के लिए जुटी भारी भीड़ में भगदड़ जैसा माहौल बन गया. इसमें एक 35 साल की महिला, रेवती की जान चली गई और उसका बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया.
इस मामले के संबंध में पुलिस ने अल्लू दर्जुन को अरेस्ट भी किया था, जो अगले दिन बेल पर जेल से बाहर आ गए. इस पूरे मामले को लेकर लोग दो हिस्सों में बंट गए. एक हिस्से ने अल्लू अर्जुन को जिम्मेदार ठहराना शुरू कर दिया, तो दूसरे ने पुलिस और प्रशासन के रवैये को अल्लू अर्जुन के प्रति ज्यादती माना.