50 हजार दो, 10वीं-12वीं की फर्जी मार्कशीट लो! राजगढ़ का जीनियस सेंटर बना फर्जीवाड़े का अड्डा, दिल्ली बोर्ड की आड़ में खेला जा रहा था खेल

मध्यप्रदेश: राजगढ़ स्थित जीनियस कंप्यूटर सेंटर में 10वीं और 12वीं की फर्जी मार्कशीट तैयार करने के मामले की जांच अब दिल्ली तक पहुंच चुकी है. पुलिस ने पुष्टि की है कि इन फर्जी प्रमाणपत्रों में दिल्ली बोर्ड के नाम का गलत इस्तेमाल किया गया है. नासिक पुलिस की टीम अब जल्द ही दिल्ली जाकर संबंधित ग्राहकों से पूछताछ करेगी.

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टीआई वीर सिंह ठाकुर के अनुसार, पूछताछ में सेंटर के सचिव नियर मेवाड़े ने स्वीकार किया है कि मार्कशीट दिल्ली से आई थी, लेकिन इसका उपयोग स्थानीय स्तर पर किया गया. इस पर पुलिस अब सीधे दिल्ली बोर्ड से संपर्क कर दस्तावेजों की सत्यता की पुष्टि करने जा रही है. हालांकि, अभी तक बोर्ड की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.

इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश करने वाले कुमेर सिंह भिलाला ने बताया कि उनकी पत्नी ने इसी सेंटर से 10वीं और 12वीं की परीक्षा दी थी. उन्होंने आरोप लगाया कि परीक्षा केंद्र में नकली सामग्री का उपयोग कर नकल करवाई गई.

50 हजार में मिली फर्जी डिग्री, नौकरी में हुआ खुलासा

कुमेर सिंह ने बताया कि उन्हें 10वीं और 12वीं की फर्जी मार्कशीट के लिए ₹50,000 वसूले गए थे. इन मार्कशीट का इस्तेमाल नौकरी के लिए किया गया, लेकिन सत्यापन के दौरान इनकी असलियत सामने आ गई. इसके बाद उन्होंने प्रशासन और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.

सेंटर, एजेंट और बोर्ड के लोग भी शक के घेरे में

जांच में सामने आया है कि इस घोटाले में सिर्फ सेंटर ही नहीं, बल्कि एजेंट और बोर्ड से जुड़े कुछ लोग भी शामिल हो सकते हैं। पुलिस ने सेंटर से दस्तावेज़ और कंप्यूटर जब्त कर लिए हैं और उनकी जांच शुरू कर दी है. जल्द ही और नाम सामने आने की संभावना है.

क्या है पूरा मामला

गुरुवार को दोपहर में पुलिस ने राजगढ़ के जीनियस कंप्यूटर सेंटर पर छापा मारा. सेंटर पर आरोप है कि वह ₹50,000 में 10वीं और 12वीं की फर्जी मार्कशीट तैयार कर रहा था. शिकायतकर्ता कुमेर सिंह ने बताया कि उन्होंने अपनी पत्नी के लिए दिल्ली बोर्ड की मार्कशीट सेंटर के माध्यम से बनवाई थी, लेकिन जब इन्हें नौकरी में इस्तेमाल किया गया, तो ऑनलाइन सत्यापन में फर्जी होने का खुलासा हुआ.

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