सुपौल : सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों का एक वर्ग ऐसा भी है जिन्हें बीते 29 माह से विभाग द्वारा वेतन का भुगतान नहीं किया गया है. ये वर्ग हैं अप्रशिक्षित नियोजित अथवा अनुकंपा पर बहाल किए गए शिक्षक. जिले के ही लगभग तीन दर्जन से अधिक शिक्षक इसमें शामिल हैं.
जिनमें से कुछ प्रखंडों की नियोजन इकाई ने ऐसे शिक्षकों को विभागीय आदेश के आलोक में बर्खास्त कर दिया है. शेष बचे सभी शिक्षक ड्यूटी पर तैनात हैं. जो पठन-पाठन सहित चुनाव के कार्य बीएलओ आदि में आज भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते आ रहे हैं. लेकिन वेतन भुगतान की टकटकी लगाए आस देख रहे हैं.
मामला वर्ष 2003, 2005, 2010 में पंचायत, प्रखंड नगर नियोजन द्वारा सरकार के निर्देशानुसार अप्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति विभिन्न विद्यालयों में की गई थी. वर्ष 2006 के शिक्षक नियुक्ति सेवा शर्त नियमावली अनुसार सभी शिक्षकों को प्रशिक्षण विभाग द्वारा एससीईआरटी के माध्यम से कराया जाना था. परीक्षा उपरांत परीक्षा में असफल परीक्षार्थियों को अधिकतम तीन मौका सफल होने के लिए पूरक परीक्षा के माध्यम से देना था.
विभाग सत्र 2013-15, 2016 -18, 2017- 19 में प्रशिक्षण हुआ और आनन-फानन में 2016-18 एवं 2017-19 में प्रशिक्षण कर रहे शिक्षकों का चार सेमेस्टर की परीक्षा विभाग द्वारा एक साथ अक्टूबर 2018-19 में कुल 22 विषयों की परीक्षा ली गई. जबकि सत्र के चार सेमेस्टरों की परीक्षा चार बार में कराना था. ऐसी स्थिति से एक ही साथ इतने विषयों की परीक्षा देने में शिक्षकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.
स्थिति यह हुई की बीमारी, दुर्घटना, शिक्षिकाओं के प्रसूतावकाश आदि विभिन्न कारणों से परीक्षा में शिक्षक अनुपस्थित हुए और कितने संतोषप्रद तैयारी न होने के कारण एक दो विषयों में अनुत्तीर्ण रहे. असफल रहे शिक्षक इस बात की उम्मीद लगाकर निश्चिंत बैठे थे कि पूर्व की तरह पूरक परीक्षा का आयोजन विभाग करेगा, जिसमें सम्मिलित होकर सभी सफल हो जाएंगे लेकिन सरकार व विभाग द्वारा 2018 के बाद आज तक कोई भी पूरक परीक्षा का आयोजन नहीं किया गया. परिणामस्वरूप राज्य में हजारों की संख्या में शिक्षक अप्रशिक्षित रह गए. तत्पश्चात शिक्षकों का वेतन रोककर विभाग बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू कर दी.
डीपीओ राहुल चंद्र चौधरी बताते हैं कि अप्रशिक्षित ऐसे शिक्षकों को हटाए जाने का निर्देश दिया गया था. विभाग के आगे का जैसा निर्देश उन्हें प्राप्त होगा, ससमय पूरा किया जाएगा.