Vayam Bharat

‘लोगों को परेशानी हो रही है, आप हड़ताल वापस लें…’, मीटिंग में ममता की डॉक्टरों से गुहार

कोलकाता के आरजीकर अस्पताल में हुए रेप-मर्डर कांड के बाद जूनियर डॉक्टर लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल प्रशासन और सीएम ममता लगातार डॉक्टरों को मनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सीएम ममता से डॉक्टरों की होने वाली पहले की दो बैठकें नहीं हो सकी हैं. एक बार तो सीएम ममता इंतजार करती रही हैं, लेकिन बैठक को लेकर कुछ मांगें नहीं मानी गई थीं, जिसके कारण डॉक्टर मीटिंग के लिए नहीं पहुंचे थे. दूसरी बार सीएम ममता ने उन्हें कम से कम चाय पी लेने के लिए बुलाया था, लेकिन हड़ताल पर बैठे डॉक्टर इसके लिए भी राजी नहीं हुए थे.

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अब सोमवार को एक बार फिर कोलकाता के डॉक्टर मुख्यमंत्री से मुलाकात करने पहुंचे थे. रात 9 के बजे के बाद ये मुलाकात खत्म हुई, सूत्रों के अनुसार सामने आया है कि ममता बनर्जी ने डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की है. जूनियर डॉक्टरों ने आज शाम 3:53 बजे मुख्य सचिव को अपना जवाबी मेल भेजा था, जसमें उन्होंने बैठक के लिए अपनी मांगें बताई थीं.

इस मेल में लिखा गया है, वह कानून का पालन करने वाले नागरिकों के तौर पर बैठक में शामिल होने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने सुझाव दिया कि इस तरह की महत्वपूर्ण बातचीत किसी आधिकारिक और प्रशासनिक स्थान पर होनी चाहिए, क्योंकि यह मामला शासन से जुड़ा हुआ है. जूनियर डॉक्टरों की ओर से जवाब में यह भी लिखा है कि, पिछली प्रस्तावित बैठक के बाद दो प्रमुख घटनाएं हुई हैं, अभया रेप और मर्डर मामले में संदीप घोष की गिरफ्तारी और टाला पुलिस स्टेशन के अधिकारी की गिरफ्तारी. इन घटनाओं से बैठक की पारदर्शिता और जरूरी हो जाती है.

डॉक्टरों ने बैठक की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराने की मांग की है. यदि यह संभव नहीं हो पाता है, तो उन्होंने बैठक के वीडियो को तुरंत डॉक्टरों की संयुक्त समिति (WBJDF) को सौंपने की मांग की है. साथ ही, बैठक के मिनट्स और ट्रांस्क्रिप्ट को दोनों पक्षों द्वारा तैयार करने और सभी मौजूद लोगों द्वारा हस्ताक्षरित करने का अनुरोध किया है, जैसा कि पहले मुख्यमंत्री द्वारा कहा गया था. डॉक्टरों ने अपनी पांच सूत्री मांगों पर विचार करने के लिए अधिकारियों से अपील की है और जल्द से जल्द सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद जताई है.

डॉक्टरों की पंचसूत्रीय मांग

1. बैठक की वीडियोग्राफी दोनों पक्षों के अलग-अलग वीडियोग्राफर द्वारा की जाए.

यदि यह संभव नहीं तो…

2. बैठक के पूरे वीडियो को WBJDF के प्रतिनिधियों को तुरंत सौंपा जाए.

यदि यह संभव नहीं है…

3. बैठक के मिनट्स और पूरा ट्रांस्क्रिप्ट दोनों पक्षों द्वारा रिकॉर्ड और तैयार किया जाए (WBJDF अपनी ओर से मिनट्स और ट्रांस्क्रिप्ट तैयार करने वाले लाएंगे) और सभी उपस्थित लोगों द्वारा हस्ताक्षरित किया जाए, जैसा कि सीएम ने पहले कहा था.

4. बैठक की पारदर्शिता जरूरी

5. बैठक का स्थान कोई आधिकारिक और प्रशासनिक स्थल हो.

पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट (WBJDF) और राष्ट्रीय रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (RDA) ने सोमवार को राष्ट्रीय मीडिया को संबोधित करने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. WBJDF के प्रतिनिधियों ने पीड़िता डॉक्टर के लिए न्याय की मांग की.

WBJDF के प्रतिनिधि प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे, इनमें शामिल थे- 

डॉ. दिपायन बिस्वास, IPGMER कोलकाता

डॉ. अनिशा बसु, आरजी कर मेडिकल कॉलेज

डॉ. सुनंदा घोष, IPGMER कोलकाता

डॉ. बिपेश चक्रवर्ती, IPGMER कोलकाता

डॉ. बिपेश चक्रवर्ती ने कहा, “जांच के दौरान कुछ नाम सामने आए हैं, जो डॉक्टर हैं और उन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है. ये लोग राज्य भर के मेडिकल कॉलेजों तक अभूतपूर्व पहुंच रखते हैं और मेडिकल कॉलेजों में परीक्षाओं में हेरफेर जैसे भ्रष्टाचार को अंजाम देते हैं. ऐसे लोगों को तुरंत हटाने की आवश्यकता है.”

दिल्ली के RDA के प्रतिनिधियों ने चेतावनी दी, “यदि कोलकाता के डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई होती है, तो हम सड़कों पर उतरेंगे। सरकार को डॉक्टरों से सौहार्दपूर्ण बैठक करनी चाहिए और उन्हें विरोध समाप्त करने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए.”

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