हैदराबाद के प्रसिद्ध कराची बेकरी में तोड़फोड़ की खबरें आई हैं. भारत माता की जय का नारा लगाते आए लोगों ने बेकरी को काफी नुकसान पहुंचाया. लोग इस बेकरी के नाम को लेकर नाराज थे और ज्यादातर लोगों का मानना था कि इस बेकरी का संचालन पाकिस्तान के कराची से किया जा रहा है. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने अराजक तत्वों को बेकरी से बाहर निकाला है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.
बताया जा रहा है कि खुद को राष्ट्रवादी बताने वाले लोगों ने इस वारदात को अंजाम दिया है. उधर, बेकरी प्रबंधन ने बताया कि उनके प्रतिष्ठान का पाकिस्तान और कराची से कोई संबंध नहीं है. कहा कि 70 साल पहले इस संस्थान की स्थापना हैदराबाद के शमशाबाद में खानचंद रामनानी द्वारा किया गया था और यह सौ फीसदी भारतीय ब्रांड है. प्रबंधन के मुताबिक यह संस्थान पूर्ण रूप से भारतीय प्रबंधन वाला है. इस घटना के बाद इलाके में तनाव बढ़ गया है. पुलिस के मुताबिक तोड़फोड़ करने वालों को प्रतिष्ठान से बाहर निकाल दिया गया है.
बता दें कि पहलगाम अटैक के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है. इस बीच हैदराबाद की मशहूर कराची बेकरी को लेकर भी लोगों में खूब आक्रोश देखा जा रहा है. ज्यादातर लोगों का मानना है कि इस प्रतिष्ठान का संचालन पाकिस्तान के कराची से किया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि कराची पाकिस्तान के सिंध प्रांत का एक प्रमुख शहर है. साल 1953 में सिंधी हिंदू खानचंद रामनानी ने इसी शहर के नाम पर इस बेकरी का शुभारंभ किया था. जानकारी के मुताबिक इस बेकरी के मालिक खानचंद रामनानी मूल रूप से कराची के ही रहने वाले थे और बंटवारे के बाद भारत में हैदराबाद आ गए थे.
बेकरी मालिक ने दी सफाई
लोगों में बढ़ते आक्रोश को देखते हुए बेकरी के मौजूदा मालिक राजेश रामनानी ने सफाई दी है. उन्होंने वीडियो जारी करते हुए बताया है कि उनके दादा मूल रूप से कराची के रहने वाले थे और बंटवारे के बाद भारत आ गए थे. इसलिए उन्होंने अपने पुश्तैनी शहर के नाम से इस बेकरी की स्थापना की थी. उन्होंने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से इस मामले में मदद की भी गुहार लगाई है.