रायबरेली: सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ते आवारा कुत्तों के खतरे पर चिंता जताई है. शीर्ष अदालत ने निकायों को आदेश दिया है कि कुत्तों के लिए शेल्टर होम बनाए जाएं. लेकिन जिले में स्थित 9 नगर निकायों में आवारा कुत्तों के लिए शेल्टर होम की व्यवस्था नहीं है.
जिले में एक नगर पालिका परिषद व आठ नगर पंचायतें है. नगर पालिका व नगर पंचायतों में कुत्तों के नियंत्रण के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. इनके पास शेल्टर रूम तो छोड़िए कुत्तों को पकड़ने के लिए एक प्रशिक्षित टीम तक नहीं हैं। शहरी इलाकों में घूमते कुत्तों के झुंड लोगों के लिए घातक बने रहते हैं.
आए दिन किसी किसी पर हमलाकर लोगों को घायल कर देते हैं। आवारा कुत्ते शहर व ग्रामीण क्षेत्र की सड़को व गलियों में घूमते रहते हैं। अभी तक ग्रामीण देशी कुत्तों को पालते थे, लेकिन अब देशी कुत्तों को पालना लगभग बंद कर दिया। जिससे कुत्ते अपना रहने का ठिकाना सड़क व मोहल्लों को बना रहे हैं. झुण्ड में टहलने वाले कुत्ते सड़क पर गंदगी के साथ लोगों को घायल कर रहे है. उसके बाद भी नगर निकाय के पास आवारा कुत्तों को पकड़कर संरक्षित करने के लिए कोई सुविधा नहीं है. ऐसे में कुत्ते झुंड में दिन भर सड़क व सार्वजनिक स्थानों पर घूमते रहते हैं. हर महीने कुत्तों के काटने से दर्जनों लोग घायल हो जाते हैं.
आवारा कुत्तों को लेकर नहीं उठाए गए ठोस कदम सार्वजनिक स्थानों पर घूमने वाले आवारा कुत्तों को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं. नगर पालिका व नगर पंचायत प्रशासन भी इसे लेकर गंभीर नहीं है. आवारा कुत्तों के लिए किसी शेल्टर हाउस का निर्माण नहीं कराया गया है। ऐसे में आवारा कुत्तों का शिकार होने वाले लोगों की घटनाएं अक्सर सामने आती हैं. अस्पताल, मंदिर,रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन के साथ-साथ सड़कों व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर आवारा कुत्ते लोगों के लिए मुसीबत बने रहते हैं। सबसे अधिक खतरा स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों के लिए होता है। अक्सर कुत्ते स्कूल जाने वाले बच्चों पर हमलावर हो जाते हैं। सड़क पर हादसे क कारण बन रहे कुत्ते सार्वजनिक स्थानों पर घूमने वाले कुत्ते जहां लोगों के लिए मुसीबत बने हुए हैं.
वहीं सड़कों पर यह कुत्ते हादसे का कारण बन जाते हैं. रात हो या दिन सड़क पर एकत्र कुत्तों की चपेट में आकर अक्सर बाइक सवार घायल हो जाते हैं. कई बार कुत्ते आपस में लड़ पड़ते हैं और इस दौरान उनके बगल से निकलने वाले लोग चपेट में आकर हादसे का शिकार हो जाते हैं. आवारा कुत्तों का आतंक से लोग परेशान हैं लेकिन उनके विरुद्ध कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है.
क्या बोले ईओ नगर पालिका रायबरेली
ईओ नगर पालिका स्वर्ण सिंह ने बताया कि वर्तमान में अभी कुत्तों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. कोर्ट का आदेश है इसका पालन किया जाएगा. जल्द ही बैठक कर इस संबंध में निर्णय लेकर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.