नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (New Delhi Railway Station) पर शनिवार रात हुए भीषण हादसे के बाद प्लेटफॉर्म पर बिखरी पड़ी चीजों को हटाने का काम जारी है. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, भगदड़ के दौरान जान बचाने के लिए कई यात्रियों ने फुटओवर ब्रिज से प्लेटफॉर्म शेड पर छलांग लगा दी, जिससे कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए.
बता दें कि शनिवार देर रात प्रयागराज (Prayagraj) जाने वाली ट्रेनों के लिए हजारों यात्री प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 15 पर जमा हो गए थे. इसी दौरान एक गलत अनाउंसमेंट होने की वजह से यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई. भीड़ इस कदर बढ़ गई कि लोग एक-दूसरे को धक्का देने लगे. देखते ही देखते भगदड़ मच गई, जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों यात्री घायल हो गए.
भगदड़ के दौरान प्लेटफॉर्म और फुटओवर ब्रिज पर लोगों की जान बचाने की जद्दोजहद जारी थी. कुछ यात्रियों ने भीड़ से बचने के लिए फुटओवर ब्रिज से प्लेटफॉर्म शेड पर छलांग लगा दी, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए. हादसे के बाद रेलवे प्रशासन ने प्लेटफॉर्म पर बिखरे जूते, बैग और अन्य सामानों को हटाने का काम शुरू कर दिया है.
एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि कभी इतनी भीड़ नहीं देखी थी, त्योहारों पर भी नहीं. भीड़ अचानक अनियंत्रित हो गई और लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरने लगे. कोई चिल्ला रहा था, तो कोई मदद मांग रहा था, लेकिन वहां से निकलना नामुमकिन था.
दिल्ली पुलिस ने हादसे की जांच के लिए रेलवे स्टेशन के सभी CCTV फुटेज खंगालने का फैसला किया है. पुलिस का कहना है कि वे यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि भगदड़ की असल वजह क्या थी और अनाउंसमेंट में क्या गलती हुई थी.
इस घटना ने रेलवे के भीड़ प्रबंधन को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि अगर प्लेटफॉर्म पर RPF और रेलवे प्रशासन मुस्तैद होता तो इतनी बड़ी त्रासदी को टाला जा सकता था. यात्रियों ने आरोप लगाया कि जब ट्रेनें सीमित थीं, तो जनरल टिकटों की बेतहाशा बिक्री क्यों की गई? मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की घोषणा की गई है. इस मामले में रेलवे ने भी अपने स्तर पर जांच के आदेश दे दिए हैं.