करीब दो महीने पहले महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में एक चौंकाने वाली खबर सामने आई थी. जिले के करीब 15 गावों के लोग अचानक से गंजे का शिकार होने लगे थे. लोगों के सिर से बाल गायब हो रहे थे. क्या बच्चे, क्या जवान और क्या बूढ़े… सभी इस गंजेपन का शिकार हो रहे थे. अब गंजेपन की इस बीमारी को लेकर चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. इसका आरोप पंजाब के गेहूं पर लगा है. पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित डॉ. हिम्मतराव बावस्कर का दावा है कि सरकारी गल्ले में आए पंजाब के गेहूं को खाने से 15 गांवों के करीब 300 लोगों के बाल झड़ गए.
इसी साल जनवरी महीने की शुरुआत में बुलढाणा जिला अचानक से सुर्खियों में आ गया था. जिले के शेगाव तहसील के बोंडगांव, कालवड़ और हिंगना गांव सहित 15 गांवों में बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी लोगों के बाल झड़ने लगे थे. इससे सभी गंजे होते जा रहे थे. यहां तक कि महिलाएं भी इसका शिकार हो रही थीं.
तीन दिन में गंजे हो जाते थे गांव के लोग
इस बीमारी के पहले दिन व्यक्ति के सिर में खुजली शुरू होती थी. दूसरे दिन से बाल हाथ में आने शुरू हो जाते थे और तीसरे दिन मरीज गंजा हो जाता था. इस बीमारी से सबसे ज्यादा पुरुष पीड़ित थे. गांव में अचानक फैली इस बीमारी से लोग डर गए. देखते ही देखते गांव के आधे लोग गंजे दिखने लगे. लोगों ने आयुर्वेद से लेकर एलोपैथ तक में इलाज कराना शुरू कर दिया.
गांवों में फैल ये बीमारी कौन सी थी, इसका पता लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इन गांवों में जाकर सर्वे किया. साथ ही पानी का सैंपल भी लिया. अचानक फैली इस बीमारी ने स्वास्थ्य विभाग को भी हैरत में डाल दिया. वहीं गांव वालों ने इस बीमारी का जल्द से जल्द इलाज ढूंढने की मांग की.
एक महीने सैंपल की जांच की
वहीं जांच सैंपल लेने के करीब दो महीने बाद इस गंजे पन को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. गांव वालों के बाल झड़ने के पीछे पंजाब से आए गेहूं के आटे को खाना बताया जा रहा है. इसका दावा पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित और मशहूर फिजिशियन डॉ. हिम्मतराव बावस्कर ने किया है. डॉ. हिम्मतराव बावस्कर ने यह दावा पिछले एक महीने से रिसर्च करने के बाद किया है.
सरपंच के घर से गेहूं का सैंपल लिया था
डॉ. हिम्मतराव बावस्कर की मानें तो इस इलाके के लोग जो गेहूं खा रहे हैं, उसमे सेलेनियम की ज्यादा मात्रा पाई गई. साथ ही गेहूं में जिंक की मात्रा भी बहुत कम पाई गई. बुलढाणा के 15 गांवों के 300 से ज्यादा लोगों के बाल अचानक से झड़ गए थे. डॉ. हिम्मतराव बावस्कर ने बताया कि उन्होंने भोनगांव के सरपंच के घर से गेहूं के सैंपल लिए थे. उनके भी बाल बाकी लोगों की तरह झड़ गए थे.