बिहार के जमुई में रिलायंस कंपनी के टावर में नौकरी दिलाने का झांसा देकर महाराष्ट्र के एक परिवार को ठग लिया गया. नौकरी दिलाने के नाम पर दलाल ने उन्हें जमुई बुलाकर उनसे 35000 ले लिए. उसके बाद दलाल उन्हें रेलवे स्टेशन पर छोड़कर फरार हो गया. पीड़ित परिवार दो दिन तक रेलवे स्टेशन पर दलाल का इंतजार करते रहे. उसके नहीं पहुंचने पर पीड़ित परिवार भीख मांगकर महाराष्ट्र वापस जाने को मजबूर हो गए.
पीड़ित परिवार की पहचान महाराष्ट्र के खेडो हिंगोली निवासी प्रवेश मालन राठौर के रूप में की गई है. पीड़ित प्रवेश ने बताया कि सारंग सानप कुमार नाम का एक दलाल, जो अपने आप को ठेकेदार बताता है. उसने बताया कि इसके पहले भी उससे रुपए लेकर उससे कानपुर में एक महीने और मुंबई में 3 महीने काम करवाया था. उसे झांसा दिया गया कि बिहार के जमुई में भी रिलायंस कंपनी के टावर में तार लगाने का काम चल रहा है, जिसमें उसके पूरे परिवार को नौकरी लगा दिया जाएगा.
दलाल ले गया 35000 रुपये
इसके लिए दलाल ने उससे 35000 रूपए मांगे. प्रवेश ने बताया कि काम के दौरान उसने 35 हजार रुपए दलाल के पास छोड़ दिया था. शनिवार को मजदूर प्रवेश मालन अपनी पत्नी रोशनी प्रवेश, पुत्र शिवराज कुमार, शुभम कुमार, कुणाल कुमार, ससुर रामदास चौहान और सास सुमित्रा देवी के साथ जमुई पहुंचे थे. पीड़ित ने बताया कि रुपये लेने के बाद दलाल उसे जमुई स्टेशन पर बैठने को कहा और उसे जल्द कार्य स्थल पर पहुंचाने की बात कही गई.
भीख मांगकर पहुंचे महाराष्ट्र
दो दिन पीड़ित परिवार दलाल का इंतजार करता रहा, लेकिन वह नहीं पहुंचा. मजदूर परिवार के पास जो भी रुपए था खाने-पीने में खर्च हो गया. अब उसे वापस अपने घर महाराष्ट्र जाने के लिए रुपए भी नहीं बचे. दलाल के चक्कर में पड़े पीड़ित परिवार स्टेशन के आसपास लोगों से भिक्षाटन कर खाने-पीने और वह महाराष्ट्र लौटने के लिए मदद मांगी.
स्थानीय लोगों ने की मदद
स्थानीय मलयपुर निवासी सुधीर सिंह, पूर्व मुखिया संजीत सिंह उर्फ नुनू सिंह,भानु यादव, किस्ष्ट्रो कुमार, कुंदन कुमार सहित अन्य लोगों ने भी सहयोग किया और रूपए की व्यवस्था की गई. जिसके बाद वह जमुई से मंगलवार को पटना लौट गए. जहां से वह महाराष्ट्र अपने घर लौट जाएंगे.
इस घटना ने नौकरी के नाम पर झांसा देने का अनोखा अंदाज भी लोगों को अचंभित कर दिया है. इस मामले में जमुई जीआरपी थाना अध्यक्ष मनोज देव ने कहा कि पीड़ित परिवार द्वारा कोई लिखित शिकायत रेलवे थाने में नहीं की गई, न ही उन्हें जानकारी मिली. यदि शिकायत की जाती तो पूरे मामले कि जांचकर कार्रवाई की जाएगी.