बिहार की राजधानी पटना में चार-पांच सालों से किया जा रहा मेट्रो का इंतजार अब खत्म होने वाला है. बुधवार को पटना मेट्रो का पहला ट्रायल रन सफलतापूर्वक पूरा हुआ. इस दौरान बैरिया मेट्रो में यह ट्रायल हुआ, जहां 200 मीटर के ट्रैक पर मेट्रो ने आगे-पीछे कर सुरक्षा व्यवस्था, ट्रैक, ट्रेन और सिग्नल की जांच पास की. पटना मेट्रो के शुरू होने से शहर की तस्वीर बदल जाएगी. सड़कों पर बढ़ता ट्रैफिक दबाव और समय की बचत होगी.
पटना मेट्रो शहर की यातायात व्यवस्था में बड़ा बदलाव लेकर आएगा. इससे न केवल सफर आसान और तेज होगा, बल्कि पर्यावरण-अनुकूल और आरामदायक यात्रा का नया अनुभव मिलेगा. पहले दिन हुए सफल ट्रायल रन ने पटना के लोगों में उत्साह और उम्मीदें दोनों ही बढ़ा दी है. अब पटना भी मेट्रो सिटी बनने की ओर बढ़ चुका है. इससे पहले, नगर विकास एवं आवास मंत्री जीवेश मिश्रा ने बैरिया डिपो और जीरो माइल स्टेशन का निरीक्षण किया.
मंत्री जीवेश मिश्रा ने किया निरीक्षण
इस दौरान उन्होंने मेट्रो की बोगियों में बैठकर सीटों की व्यवस्था, साइनेज, सीसीटीवी और सुरक्षा इंतजामों की जांच की थी. दिव्यांग यात्रियों की सुविधाओं पर उनका विशेष ध्यान रहा. इस बीच पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (पीएमआरसीएल) के प्रबंध निदेशक और नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह ने मंत्री को परियोजना की प्रगति और संचालन संबंधी तैयारियों की जानकारी दी.
कब शुरू होगी पटना मेट्रो?
अधिकारियों ने बताया कि सितंबर के आखिर तक प्रायोरिटी कॉरिडोर पर मेट्रो सेवा शुरू करने का लक्ष्य है. उन्होंने बताया कि पटरियों का तकनीकी कार्य, इलेक्ट्रिफिकेशन और फैब्रिकेशन लगभग पूरा हो चुका है. डिपो से जीरो माइल तक सफल ट्रायल के बाद मेट्रो के संचालन का मार्ग लगभग साफ हो गया है. आईये जानते हैं कि आखिरी प्रायोरिटी कॉरिडोर क्या है? यह 6.5 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर है.
इसमें पांच स्टेशन होंगे, जो कि मलाही पकड़ी, खेमनीचक, भूतनाथ रोड, जीरो माइल और न्यू आईएसबीटी है. यह कॉरिडोर न केवल तेज और सुविधाजनक यात्रा प्रदान करेगा, बल्कि शहर को स्वच्छ और पर्यावरण-अनुकूल परिवहन का विकल्प भी देगा.