हिमाचल प्रदेश के शिमला की एक और मस्जिद पर विवाद हो गया है. कसुम्पटी की मस्जिद को ‘अवैध’ बताकर लोगों ने ढहाने की मांग की. स्थानीय लोगों ने दावा किया कि मस्जिद अनधिकृत है. उन्होंने अज्ञात लोगों और प्रवासियों की आमद में वृद्धि पर चिंता जताई. पार्षद रंचना शर्मा की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल ने शिमला उपायुक्त अमित कश्यप, पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी और नगर आयुक्त भूपेंद्र अत्री से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा.
हिंदूवादी संगठनों ने संजौली की मस्जिद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. बुधवार को प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ हुई झड़प में 10 लोग घायल हो गए थे. प्रदर्शनकारी मस्जिद के एक हिस्से को ढहाने की मांग कर रहे थे. मंडी में भी मस्जिद के मामले ने तूल पकड़ लिया. शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने पानी की बौछारें कीं. प्रदर्शनकारी मस्जिद के अतिक्रमण को गिराने की मांग कर रहे थे.
अब शिमला के कसुम्पटी की मस्जिद पर विवाद
पार्षद रंचना शर्मा ने आरोप लगाया, “कसुम्पटी में एक विशिष्ट समुदाय के बनाए गए अनधिकृत ढांचे को नगर निगम ने अवैध घोषित कर दिया है. उन्होंने कहा कि इस जगह पर कभी धार्मिक स्थल नहीं था. अब इसका इस्तेमाल समुदाय विशेष के लोग कर रहे हैं.” उन्होंने दावा किया कि पिछले वर्ष नगर निगम आयुक्त ने भी इस ढांचे को गिराने के आदेश जारी किए थे लेकिन अभी तक नहीं गिराया गया.
शर्मा ने कहा, “आश्चर्य की बात है कि इनमें से कोई भी व्यक्ति कसुम्पटी बाजार क्षेत्र का स्थायी निवासी नहीं है. यहां रोजाना इकट्ठा होने वाले लोगों की कोई स्पष्ट पृष्ठभूमि, पंजीकरण या उनके मूल और निवास के बारे में कोई जानकारी नहीं है.”
उन्होंने कहा, “हम हर धर्म का सम्मान करते हैं और किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं रखते लेकिन जिस तरह से इस मस्जिद का निर्माण किया गया और एक विशेष समुदाय के लोग बाजार में आते हैं, वह चिंता का विषय है. हम प्रशासन से उचित कार्रवाई करने की मांग करते हैं.”