आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने दक्षिणी राज्यों के लोगों से ज्यादा बच्चे पैदा करने की अपील की है. इसके लिए उन्होंने प्रदेश में उम्रदराज लोगों की बढ़ती आबादी का हवाला भी दिया. सीएम ने राज्य में गिरते प्रजनन दर और बुजुर्ग होती आबादी को लेकर गंभीर चिंता जताई है. बीते शनिवार 19 अक्टूबर को सीएम ने कहा कि राज्य सरकार पॉपुलेशन मैनेजमेंट की योजना बना रही है.
टीडीपी प्रमुख का कहना है कि इसके लिए सरकार एक विधेयक लाने पर भी विचार कर रही है जिसमें ज्यादा बच्चे वाले परिवारों को इंसेंटिव दिया जाएगा. इसके साथ ही एक ऐसा कानून पर भी विचार किया जा रहा है, जिसके तहत स्थानीय निकाय चुनाव सिर्फ वहीं लोग लड़ पाएंगे जिनके दो से ज्यादा बच्चे हैं.
‘तेजी से घट रही प्रजनन दर प्रदेश के लिए खतरा’
चंद्रबाबू ने कहा कि दक्षिण के राज्यों में तेजी से घट रही प्रजनन दर को प्रदेश के लिए खतरा बताया. उन्होंने बताया कि दक्षिण भारत की प्रजनन दर 1.6 तक गिर चुकी है, जो राष्ट्रीय औसत 2.1 से काफी कम है. आंध्र प्रदेश और अन्य दक्षिण भारत के दूसरे राज्यों के कई ऐसे गांव है जहां सिर्फ बुजुर्ग लोग ही बचे हैं. इन क्षेत्रों में युवा आबादी की कमी हो रही है. उन्होंने कहा कि इससे राज्य और देश के लिए खतरा पैदा हो सकता है. सीएम ने कहा कि अगर ऐसा ही हाल रहा तो हमारे यहां 2047 तक बुजुर्गों की आबादी काफी ज्यादा बढ़ जाएगी.
Chief minister #ChandrababuNaidu called on people in southern states, "Have more children for the benefit of the nation", citing concerns about an Ageing #Population'. Naidu plans legislation to boost Young Population in #AndhraPradesh .
Naidu said "The government is planning to… pic.twitter.com/RqNBshB5G4
— Surya Reddy (@jsuryareddy) October 20, 2024
‘ज्यादा बच्चे वाले लोग चुनाव लड़ेंगे’
उन्होंने बताया कि पहले ऐसा कानून बनाया गया था, जिसमें ज्यादा बच्चे वाले लोग चुनाव नहीं लड़ सकते थे, लेकिन अब इस कानून को बदलने पर विचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हालांकि हमारे पास 2047 तक जनसांख्यिकीय लाभ है. आंध्र सहित दक्षिण भारत में उम्र बढ़ने की समस्या के संकेत दिखाई देने लगे हैं, जो चिंता की बात है.
‘कई देशों में बढ़ रही बुजुर्गों की आबादी’
चंद्रबाबू ने कहा कि जापान, चीन और कुछ यूरोपीय राष्ट्र जैसे कई देश इस समस्या से जूझ रहे हैं, जहां बुजुर्गों की आबादी अधिक है. उन्होंने कहा कि दक्षिण में भारत में ये समस्या इसीलिए हो रही है कि क्योंकि यहां के युवा के देश के अन्य हिस्सों या विदेश में पलायन कर रहे हैं. अगर भारत में भी प्रजनन दर इसी प्रकार गिरती रही, तो भविष्य में हमें भी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.