Vayam Bharat

‘लोग ऐसे वस्त्र पहनते हैं कि नजरें झुक जाती हैं’, रील्स बनाने वालों पर संसद में भड़के राम गोपाल यादव

समाजवादी पार्टी के सांसद प्रोफेसर राम गोपाल यादव ने मंगलवार को राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान इंस्टाग्राम रील्स का मुद्दा उठाया. रील्स बनाने वालों पर भड़के प्रोफेसर राम गोपाल यादव ने कहा कि लोग ऐसे वस्त्र पहनते हैं कि नजरें झुक जाती हैं. उन्होने कहा कि किसी भी समाज में न्यूडिटी और एल्कोहलिज्म बढ़ जाता है तो कई सभ्यताएं नष्ट हो जाती हैं. प्रोफेसर यादव ने सरकार से इसे रोकने के लिए कदम उठाने की मांग की और जनसंघ के जमाने से ही भारतीय सभ्यता और संस्कृति की सुरक्षा का नारा भी याद दिलाया.

Advertisement

उन्होंने कहा कि हमारे जमाने में अंग्रेजी छठवें क्लास से पढ़ाई जाती थी. जब बच्चा थोड़ा सीख लेता था तब उसे बताया जाता था- ‘… कैरेक्टर इज लॉस, इवरीथिंग लॉस.’प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने कहा कि आज स्थिति ये है कि कुछ प्लेटफॉर्म अश्लीलता को बढ़ावा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि विशेषकर इंस्टाग्राम रील्स का नाम लेना चाहूंगा. सपा सांसद ने कहा कि अनुमानों के मुताबिक हमारे युवा हर रोज औसतन तीन घंटे इंस्टाग्राम पर रील्स देखने, भद्दे सीरियल्स और भद्दे प्रोग्राम देखने में बिता रहे हैं.

प्रोफेसर यादव ने कहा कि साथ बैठने, साथ खाना खाने से परिवार में जो प्रेम होता है, आज वह नहीं है. लोग साथ बैठे रहते हैं लेकिन फोन में लगे रहते हैं. उन्होंने कहा कि आए दिन ऐसी खबरें देखने को मिल रही हैं कि इंस्टाग्राम पर दोस्ती हुई, शादी हुई इसके बाद लड़के ने लड़की का मर्डर कर दिया. इस तरह की घटनाएं हो रही हैं. प्रोफेसर यादव ने ऑनलाइन क्लासेज का भी जिक्र किया और सरकार से इंस्टाग्राम रील्स, समाज में न्यूडिटी और एल्कोहलिज्म बढ़ाने वाले प्लेटफॉर्म्स को लेकर कदम उठाने की मांग की.

वहीं, महाराष्ट्र से एनसीपी सांसद फौजिया खान ने ऑनलाइन गेमिंग की लत के कारण बच्चों पर पड़ रहे प्रभाव का मुद्दा उठाया. उन्होंने महाराष्ट्र के पुणे में एक बच्चे के सुसाइड का भी जिक्र किया और इसे लेकर रेल्युलेशन बनाने की मांग की. इससे पहले, पंजाब से आम आदमी पार्टी के सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी ने भी सोशल मीडिया के जरिए नफरत फैलाए जाने का मुद्दा उठाया.

आम आदमी पार्टी के सांसद ने राज्यसभा में कहा कि सोशल मीडिया पर कोई रोक-टोक नहीं है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर किसी के लिए भी कुछ भी लिखा जा रहा है. यहां तक कि हमारे माननीय प्रधानमंत्री, नेता विपक्ष के लिए भी. विक्रमजीत ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले ही सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के लिए ऐसा कुछ लिखा था जिसे हम सदन में बोल भी नहीं सकते.

उन्होंने कहा कि इससे सोसाइटी में टेंशन हो रही है. ऐसे अकाउंट्स को बंद किया जाए. विक्रमजीत सिंह ने फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन है लेकिन लिबर्टी भी जरूरी है. उन्होंने कहा कि हमने इसे लेकर प्राइवेट मेंबर्स बिल भी सदन में दिया था. इसे लेकर कानून बनाया जाना चाहिए.

Advertisements