एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती धारावी के पुनर्विकास की मांग को लेकर आज करीब 3,000 निवासियों ने सड़कों पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया. महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) कार्यालय तक निकाले गए इस विरोध मार्च में प्रदर्शनकारियों ने बेहतर आवास, उन्नत बुनियादी ढांचे और सामाजिक सुविधाओं की मांग को लेकर जोरदार नारेबाजी की.
धारावीवासियों का फूटा गुस्सा
रैली में हजारों की संख्या में लोगों ने भाग लिया और पुनर्विकास में बाधा डालने वालों के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया. प्रदर्शनकारियों ने साफ संदेश दिया कि उन्हें सिर्फ राजनीतिक बहस नहीं, बल्कि सम्मानजनक जीवन और बुनियादी सुविधाएं चाहिए. सभी आयु वर्ग के लोगों ने इस आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और पुनर्विकास में हो रही देरी के लिए राजनीतिक अड़चनों को जिम्मेदार ठहराया.
गायकवाड़ बहनों पर निशाना
प्रदर्शनकारियों ने लोकसभा सांसद वर्षा गायकवाड़ और स्थानीय विधायक डॉ. ज्योति गायकवाड़ को निशाने पर लेते हुए आरोप लगाया कि वे निजी स्वार्थों के चलते इस महत्वाकांक्षी परियोजना को बाधित कर रही हैं.
प्रदर्शनकारियों का कहना था, “हमें केवल वोट बैंक समझने की गलती मत करो – हमारे विकास के लिए काम करो!” पूरे मार्च के दौरान “धारावी का विकास अभी नहीं तो कभी नहीं” और “गरीबी और गंदगी से दूर, धारावी का विकास ज़रूर” जैसे नारे गूंजते रहे.
“हमें चाहिए बेहतर जीवन”
प्रदर्शन में शामिल एक निवासी ने कहा, “हम अपने नए घरों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, जहां हमें शौचालय और बेहतर सुविधाएं मिलें। लेकिन गायकवाड़ बहनें, जो खुद धारावी में नहीं रहतीं और आलीशान मकानों में रहती हैं, वे हमें हमारे अधिकार से वंचित कर रही हैं. हम सरकार की पुनर्विकास योजना का पूरा समर्थन करते हैं.”
प्रशासन को सौंपा ज्ञापन, आंदोलन तेज करने की चेतावनी
रैली के अंत में प्रदर्शनकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने धारावी पुनर्विकास परियोजना (DRP) अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा और तत्काल हस्तक्षेप की मांग की. साथ ही चेतावनी दी कि यदि जल्द ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा. प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ को भी एक पत्र सौंपा और राजनीतिक कारणों से परियोजना का विरोध न करने और लाखों धारावीवासियों के हित में इसका समर्थन करने की अपील की.
लंबे समय से अटकी है धारावी पुनर्विकास परियोजना
धारावी पुनर्विकास परियोजना, मुंबई के सबसे बड़े शहरी नवीनीकरण प्रयासों में से एक है, जो राजनीतिक खींचतान और नौकरशाही अड़चनों के चलते लंबे समय से अधर में लटकी हुई है. आज की इस विशाल रैली ने साफ संकेत दिया कि धारावी के लोग अब चुप बैठने के मूड में नहीं हैं.