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छत्तीसगढ़ में जून में होगी PET की परीक्षा, 10 हजार सीटों के लिए सिर्फ 15 हजार आवेदन

छत्तीसगढ़ के इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए प्री इंजीनियरिंग टेस्ट यानी पीईटी परीक्षा जून में आयोजित की जाएगी। इंजीनियरिंग की करीब साढ़े 10 हजार सीटें हैं। जबकि, एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग, फूड टेक्नोलॉजी और डेयरी टेक्नोलॉजी में करीब साढ़े 300 सीटें हैं। इसके लिए पिछले दिनों आवेदन मंगाए गए थे।

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इस बार करीब 15 हजार फॉर्म मिले हैं। सीटों की तुलना में आवेदन अधिक होने से माना जा रहा है कि इन कोर्स में प्रवेश की राह थोड़ी आसान नहीं है। पिछली बार भी आवेदनों को लेकर लगभग ऐसी ही स्थिति थी।

  • GEC ही पहली पसंद
    हालांकि, गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज यानी जीईसी में प्रवेश को लेकर इस बार भी कंपटीशन ज्यादा होगा। पिछले कुछ वर्षों के आंकड़ों को देखने से पता चलता है कि भले ही इंजीनियरिंग की आधी सीटें खाली रही हो, लेकिन जीईसी और कुछ अच्छे निजी कॉलेजों की डिमांड रही है।

जीईसी में तो कंप्यूटर साइंस से लेकर सिविल तक की सीटें भर जाती है। वहीं अच्छे निजी कॉलेजों में कंप्यूटर साइंस छात्रों की पहली पसंद रही है। इस बार भी इनकी मांग रहेगी।

जीईसी में 849 सीटें
प्रदेश में करीब 30 इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। इनमें से तीन कॉलेज राज्य सरकार के अधीन है। पिछली बार गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज रायपुर में 294, गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज बिलासपुर में 273 जबकि गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज जगदलपुर में 282 सीटें थी। ​यह सीटें इंजीनियरिंग की पहली काउंसिलिंग में ही आवंटित हो गई थी।

इस बार भी इंजीनिय​रिंग की इतनी ही सीटें रहने की संभावना है। जानकारों का कहना है कि ​इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के इच्छुक सभी छात्रों के लिए आईआईटी, एनआईटी, ट्रिपल आईटी जैसे बड़े संस्थान पहली पसंद हैं। इसके अलावा राज्य में गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज भी छात्रों की प्राथ​मिकता में शामिल रहते हैं। इसलिए इंजीनियरिंग की आधी सीटें खाली रहने के बाद भी यहां की लगभग सभी सीटें भर जाती है।

10% से कम नंबर वाले भी होंगे पात्र

प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए परीक्षा 6 जून को नहीं, बल्कि अब 13 जून को होगी। पीईटी में 10 फीसदी से कम नंबर पाने वाले छात्र भी इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए पात्र होंगे। पिछले साल नियम में बदलाव किया गया। इससे पहले, इंजीनिय​रिंग में प्रवेश के लिए पीईटी में 10 प्रतिशत नंबर पाना जरूरी था।

हालांकि, ओवरऑल रैंक के अनुसार काउंसिलिंग होगी। इस लिहाज से जिन छात्रों को पीईटी में ज्यादा नंबर मिलेंगे उन्हें अच्छे कॉलेज के साथ ही मनचाही ब्रांच मिलेगी।

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