प्रदेश में मुख्यमंत्री और मंत्रियों को वाहनों में सफर करने हर महीने 600 लीटर पेट्रोल या डीजल मिला करेगा। राजधानी से नवा रायपुर के सरकारी दफ्तरों और प्रशासन अकादमी जाने के लिए हर महीने अफसरों को 250 लीटर पेट्रोल या डीजल मिलेगा। नवा रायपुर में रहने वाले अधिकारियों को प्रतिमाह 80 लीटर पेट्रोल या डीजल मिलेगा।
प्रशासन अकादमी की बस सहित प्रति कार्यालय एक वाहन को 375 लीटर पेट्रोल या डीजल मिलेगा। विधानसभा सत्र यदि 10 दिन से ज्यादा हुआ तो पेट्रोल – डीजल 50 प्रतिशत ज्यादा दिया जाएगा। इसी तरह यदि रायपुर से मंत्रालय व अन्य दफ्तरों के लिए जिला व अन्य दफ्तरों से अफसर- कर्मी जाएंगे तो उन्हें तय सीमा 80 लीटर से अतिरिक्त ईंधन दिया जाएगा। नई गाड़ियां वित्त विभाग की सहमति से ही भंडार क्रय नियमों से खरीदी जा सकेंगी। सचिव या उससे बड़े अधिकारी, कलेक्टर -एसपी 12 लाख रुपए तक की गाड़ी खरीद सकेंगे।
मंत्रालय के संयुक्त संचालक या उच्च अधिकारी 8.50 लाख, मैदानी अफसरों के लिए पूल वाहन 10 लाख तक क्रम किए जा सकेंगे। इसी तरह वित्त विभाग ने सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए यात्रा और दैनिक भत्तों की नई दरें तय कर दी हैं। इसमें ए श्रेणी में 10 हजार या उससे ज्यादा ग्रेड पे, बी में 7600 या ज्यादा ग्रेड पे, सी में 4400 या उससे ज्यादा ग्रेड पे, डी में 2400 या ज्यादा ग्रेड पे और ई श्रेणी में 2400 ग्रेड पे से कम वेन पाने वालों को रका गया है। रखी गई है।
एचएजी वेतनमान पाने वाले अधिकारी देश के अंदर एक्जीक्यूटिव क्लास से यात्रा के पात्र होंगे। 7600 ग्रेड-पे या ज्यादा पाने वाले एकोनामी क्लास में यात्रा कर सकेंगे। 5400 से ज्यादा, लेकिन 7600 से कम ग्रे-पे वाले एकोनामी क्लास में विभाग की अनुमति से यात्रा कर सकेंगे। राजस्व कोर्ट केस में दिल्ली जाने कमिश्नर – कलेक्टर की अनुमित व प्रशासकीय विभाग का उपयोग किया जा सकेगा। प्रदेश के अंदर ए-बी-सी श्रेणी के कर्मचारी एसी बस में यात्रा कर सकेंगे। डी श्रेणी वाले डीलक्स बस या वीडियो कोच से यात्रा कर सकेंगे। ई श्रेणी वाले फास्ट पैसेंजर या सुपर एक्सप्रेस बस से सफर कर सकेंगे।