भारत में हर साल डेंगू के मामले सामने आते हैं. इस बीमारी से मरीजों की मौत भी होती है. लेकिन अब उम्मीद जताई जा रही है की जल्द ही डेंगू की वैक्सीन आ सकती है. ICMR ने पैनेसिया बायोटेक के साथ मिलकर डेंगू की वैक्सीन को तैयार करने के लिए तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया है. फेज 3 के ट्रायल के लिए पहला टीका पंडित भगवान शर्मा मेडिकल साइंसेज में एक व्यक्ति को लगाया गया है. अब आगे का ट्रायल 18 राज्यों में किया जाएगा. इस ट्रायल में 10 हजार लोगों को शामिल किया गया है. पिछले 2 चरण के ट्रायल सफल रहे हैं अब तीसरे चरण का ह्यूमन ट्रायल शुरू किया गया है. अगर फेज तीन का ट्रायल सफल साबित होता है तो भारत को डेंगू की वैक्सीन मिल जाएगी. यह वैक्सीन डेंगू के सभी सीरोटाइप D1, 2, 3, 4 के खिलाफ तैयार की जा रही है.
.@ICMRDELHI and Panacea Biotec initiate the First Dengue Vaccine Phase 3 Clinical Trial in India with Indigenous Dengue Vaccine, DengiAll
The initiation of this Phase 3 clinical trial for India's first Indigenous dengue vaccine marks a critical advancement in our fight against…
— PIB India (@PIB_India) August 14, 2024
WHO के मुताबिक, 2019 में दुनियाभर में डेंगू के 5.2 मिलियन केस सामने आए थे. भारत में भी हर साल अधिकतर राज्यों में इस बीमारी के केस सामने आते है. भारत में मॉनसून में डेंगू के मामले बढ़ते हैं. यह बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को शिकार बना लेती है. डेंगू का कोई निर्धारित इलाज और टीका भी नहीं है. ऐसे में इसकी रोकथाम मुश्किल हो जाती है. हालांकि अधिकतर मामलों में डेंगू का बुखार कुछ दिनों में ठीक हो जाता है, लेकिन कुछ मामलों में डेंगू की वजह से मौत हो जाती है. ऐसा डेंगू शॉक सिंड्रोम और प्लेटलेट्स का लेवल कम होने के कारण होता है.
कैसे होता है डेंगू ?
डेंगू का बुखार मच्छर के काटने से होता है. यह मच्छर साफ पानी में पनपते है. जिन इलाकों में जलजमाव होता है वहां डेंगू के मामले ज्यादा सामने आते हैं. डेंगू बुखार के कारण तेज फीवर होता है – 104 एफ (40 सी) – और ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं.
- सिरदर्द
- मांसपेशियों, हड्डी या जोड़ों में दर्द
- जी मिचलाना
- उल्टी करना
- आँखों के पीछे दर्द
- सूजी हुई ग्रंथियां
दिल्ली में वरिष्ठ फिजिशियन डॉ अजय कुमार बताते हैं कि डेंगू की वैक्सीन का अभी फेज तीन का ट्रायल शुरू हुआ है. अगर ये सफल होता है तभी वैक्सीन आ पाएगी. ट्रायल का सफल होना इस बात पर निर्भर करेगा की जिन लोगों को ट्रायल में टीका लगा है उनके शरीर में डेंगू के खिलाफ किस तरह की एंटीबॉडी बन रही है और यह इस बीमारी की रोकथाम में कितनी कारगर साबित हो रही है. अगर क्लीनिकल ट्रायल के सभी पैरामीटर पूरे हो जाते हैं तो जल्द ही वैक्सीन मिल सकती है.