छिंदवाड़ा/अमरवाड़ा : पीएचई के चाहे सहायक यंत्री,सब इंजीनियर या हैडपम्प टेक्नीशियन ,हेल्पर हो कोई भी अपने मुख्यालय पर निवास नहीं करता. ऐसे में मजबूर होकर ग्रामीण हैडपम्प हेल्पर या लाइनमैनों के घर जा-जा कर खराब पड़े हुए हैंडपंपों को सुधारने की गुहार लगा रहे हैं.
उनके कहे अनुसार अपने साधनों से सामान लाकर अपना काम छोड़कर हैंडपंप सुधरवा रहे हैं, लेकिन पीएचई कर्मचारी गांव वालों के पंचनामे पर हस्ताक्षर कराकर फर्जी बिल-बाउचर लगाकर रुपए निकाल लेते हैं. अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा अपने मुख्यालय पर नहीं रहना कोई आजकल की बात नहीं हैं, बल्कि एक अरसे से ऐसा हो रहा है लेकिन जिले के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
वही पीएचई विभाग के प्रभारी एसडीओ एन के चौधरी द्वारा शासन को चूना लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है जहा एक और प्रदेश की सरकार कर्ज में डुबी हुई है वही पीएचई विभाग के एसडीओ प्रतिदिन सरकारी गाड़ी से छिंदवाड़ा से अमरवाड़ा अप डाउन कर रहे है जबकि उक्त वाहन उपखंड अमरवाड़ा में निरीक्षण कार्य के लिए लगाया गया है पीएचई विभाग के एसडीओ द्वारा सरकारी वाहन एवम डीजल का भरपूर रूप से निजी कार्य हेतु उपयोग कर रहे है.
इन्हीं कारण से सब इंजीनियर के भी हौसले बुलंद हैं सत्यम कोल ,पूनम सनोडिया कई वर्षों से जमे हुए हैं तबादला होने के बाद भी जाने का नाम नहीं लेते क्योंकि आदिवासी क्षेत्र में भ्रष्टाचार जो करना हे ठेकेदार से मोटी रकम लेकर सरकारी राशि का बंदरबाट किया जा रहा है.