चौथिया भोज से लौट रही पिकअप पलटी: 2 बच्चों की मौत, 20 घायल; 9 की हालत नाजुक..

छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में 25 ग्रामीणों से भरी तेज रफ्तार पिकअप पलट गई। हादसे में 2 बच्चों की मौत हो गई, जबकि 20 घायल हैं। इनमें 9 की हालत गंभीर बताई जा रही है। सभी लोग शादी समारोह से लौट रहे थे। मामला चेंद्रा चौकी क्षेत्र का है।

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मिली जानकारी के मुताबिक हादसे में दिगंबर राजवाड़े (12) और पुन्नू चेरवा (13) की मौत हुई। ये दोनों बच्चे भंडारपारा के रहने वाले थे। हादसे में बच्चों के सिर और सीने में गंभीर चोटें आई थीं, जिससे दोनों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

चौथिया भोज कार्यक्रम में गए थे ग्रामीण

दरअसल, सूरजपुर के लटोरी चौकी क्षेत्र के ग्राम भंडारपारा निवासी तलिंदर राजवाड़े की बेटी की शादी 5 दिनों पहले ओड़गी ब्लॉक के बिलासपुर निवासी युवक के साथ हुई थी। शादी के बाद मंगलवार को चौथिया भोज का आयोजन किया गया था।

चौथिया भोज कार्यक्रम में भंडारपारा गांव से 25 ग्रामीण पिकअप में सवार होकर बिलासपुर गए थे। इनमें महिला, पुरुष और कुछ बच्चे भी शामिल थे। कार्यक्रम के बाद सभी लोग बिलासपुर से भंडारपारा के लिए वापस लौट रहे थे।

जानिए कैसे हुआ हादसा ?

इस दौरान तेज रफ्तार पिकअप रात करीब 10 बजे ग्राम बिसाही पोड़ी के पास पहुंची। बिसाही पोड़ी के नकटी नाला के पास मोड़ में पिकअप का चालक वाहन को नियंत्रित नहीं कर सका। पिकअप मोड़ में एक पत्थर से टकराकर पलट गई। पिकअप सवार कई ग्रामीण छिटककर गिर गए।

इस दौरान मौके पर अफरा-तफरी मच गई। हादसे की सूचना पर चेंद्रा चौकी प्रभारी एलपी गुप्ता और भटगांव थाना प्रभारी सरफराज फिरदौशी की टीम मौके पर पहुंची। घायलों को तत्काल एम्बुलेंस की मदद से भटगांव स्वास्थ्य केंद्र लाया गया।

20 घायलों में 9 की हालत गंभीर

हादसे में 20 लोग घायल हुए हैं। इनमें 9 लोगों को गंभीर चोटें आईं, जिन्हें इलाज के बाद मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर रेफर कर दिया गया। वहीं 11 लोगों का भटगांव में ही इलाज चल रहा है। इस हादसे में दिगंबर राजवाड़े और पुन्नू चेरवा की मौत हुई है।

तेज रफ्तार बनी हादसे की वजह

चेंद्रा चौकी प्रभारी एलपी गुप्ता ने बताया कि जहां हादसा हुआ, वहां नाले के पास मोड़ है। मोड़ में ड्राइवर गाड़ी को कंट्रोल नहीं कर सका और पिकअप पलट गई। हादसे के बाद ड्राइवर फरार हो गया है, जिसकी तलाश की जा रही है।

मालवाहकों में सवारी, हो रहे हादसे

छत्तीसगढ़ में मालवाहकों का उपयोग बारात और चौथी भोज में आवाजाही के लिए किया जाता है। पिछले साल कवर्धा में हुए हादसे के बाद इसपर प्रतिबंध लगाया गया है, बावजूद इसके ग्रामीण बड़ी संख्या में बारातों और अन्य कार्यक्रमों में मालवाहकों का उपयोग आने-जाने के लिए कर रहे हैं।

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