देश की करीब 68 फीसदी आबादी गांवों में रहती है. वहीं, भारत में 6 लाख से ज्यादा गांव हैं. इनमें कई गांव अपनी अलग विशेषता रखते हैं. तेलंगाना का एक छोटा सा गांव भी अपने आप में अनोखा है. इस गांव को विशेष बनाया है यहां के लोगों ने. यह गांव अपनी विशेषता की वजह से अन्य लोगों के लिए आदर्श बना गया है. गांव में प्लास्टिक पर बैन लगाया गया है. ऐसा कर गांव के लोगों ने स्वच्छ वातावरण बनाने के लिए कमर कस ली है. निर्णय लिया गया कि गांव में कोई भी व्यक्ति प्लास्टिक का उपयोग नहीं करेगा.
यह गांव तेलंगाना के मेडक जिले के नरसापुर मंडल में स्थित है. इस गांव को गुडेंड्डाग कहते हैं. यहां के लोगों ने गांव में सामूहिक रूप से प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद कर दिया है. गांव में 180 घर हैं और करीब 655 लोग रहते हैं. इस फैसले में कहा गया है कि प्लास्टिक के इस्तेमाल से बीमारियां हो सकती हैं और प्लास्टिक कई बीमारियों का कारण बन सकता है.
गांव में खोल दिया स्टील बैंक
गांव के लोग प्लास्टिक का उपयोग किए बिना अपना जीवन यापन कर रहे हैं. गांववाले प्लास्टिक के सामानों की जगह अन्य विकल्प का इस्तेमाल करते हैं. शादी समारोह में प्लास्टिक के किसी भी बर्तन का इस्तेमाल नहीं किया जाता गांववाले स्टील के बर्तनों का उपयोग करते हैं. इसके लिए गांव में स्टील बैंक स्थापित किया गया है. यहां से गांव के लोग होने वाले कार्यक्रमों के लिए बर्तन लेकर जाते हैं.
करते हैं इन चीजों का इस्तेमाल
गांववाले सब्जी व बाजार से खरीददारी के लिए पॉलिथिन की जगह कपड़े के थैले का इस्तेमाल कर रहे हैं. उनका कहना है कि प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाकर वे अपने स्वास्थ्य, बच्चों के भविष्य और गांव के पर्यावरण की रक्षा कर रहे हैं. गांव के ग्रामीण अपने गांव की तरह दूसरे गांवों में भी प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाकर एक मिसाल कायम करना चाहते हैं. वहीं दूसरी ओर गांव में प्लास्टिक का उपयोग खत्म करने, खुले में शौच न कर शौचालय का उपयोग करने के अलावा गांव के लोग साफ-सफाई भी रख रहे हैं और गंदगी भी नहीं फैला रहे हैं. यह गांव जिले में एक मिसाल कायम किए है.