केंद्र सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर लगातार काम कर रही है. इसी के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाने का संकल्प लिया है, जिसके लिए सरकार नए-नए प्रयास कर रही है. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी के मरीजों को दिए जाने वाले मासिक पोषण सहायता की राशि को बढ़ाने का फैसला किया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में भारत टीबी मुक्त भारत के लिए दृढ़ और प्रतिबद्ध है.
केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है. जिसमें उन्होंने कहा है कि रोग के उपचार में पोषण महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इसे देखते हुए, टीबी योद्धाओं को बीमारी के खिलाफ लड़ाई में मजबूत करने के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है.
1040 करोड़ के अतिरिक्त आवंटन को मंजूरी
India is resolute and committed to #TBMuktBharat under the dynamic leadership of Prime Minister Shri @narendramodi ji.
Nutrition plays a pivotal role in treatment of the disease. In view of this, a landmark decision has been taken to strengthen the TB warriors in their fight…
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) October 7, 2024
इसके आगे उन्होंने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने उपचार की अवधि के दौरान सभी टीबी रोगियों के लिए निक्षय पोषण योजना के तहत मासिक पोषण सहायता मौजूदा 500 से बढ़ाकर 1000 प्रतिमाह कर दी है. मंत्री ने बताया कि टीबी के सभी मरीजों के लिए पोषण सहायता के रूप में नि-क्षय पोषण योजना के लिए 1040 करोड़ के अतिरिक्त आवंटन को मंजूरी दी गई है.
टीबी मुक्त भारत अभियान
उन्होंने बताया कि अब टीबी मरीजों के सभी घरेलू संपर्कों को प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत कवर किया जाएगा और वो समुदाय से सामाजिक समर्थन प्राप्त करने के पात्र होंगे. अब तक केंद्र सरकार की निक्षय पोषण योजना के तहत प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के जरिए से 1.13 करोड़ लाभार्थियों को 3,202 करोड़ रुपए वितरित किए जा चुके हैं.
2018 में हुई थी शुरुआत
साल 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीबी उन्मूलन शिखर सम्मेलन की शुरुआत की थी. इस मौके पर पीएम ने कहा था कि भारत काफी समय से टीबी जैसी बीमारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है. उन्होंने टीवी को खत्म करने के लिए 2025 लक्ष्य तय किया था. उन्होंने कहा था कि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर इस मिशन को पूरा करेंगे. तभी से इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए पुरजोर कोशिश की जा रही है. डब्ल्यूएचओ की ‘ग्लोबल ट्यूबरक्लोसिस रिपोर्ट 2023’ की के मुताबिक साल 2022 में टीबी के 27% मामले भारत में सामने आए थे.