केंद्र में इस बार प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार चल रही है. मोदी 3.0 इस बार नायडू और नीतीश के सहारे 5 साल का कार्यकाल पूर्ण करने का दावा कर रही है. भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री मोदी लगातार अपने सहयोगियों के विश्वास जीतने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं. इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री एवं जनता दल यूनाइटेड के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति में शामिल किया गया है. आपको बता दें कि इस समिति में खुद प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह शामिल हैं. ये समिति देश के आर्थिक विकास से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर कार्य करती है.
ललन सिंह का इस समिति में शामिल होना एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड के गठबंधन को मजबूती देगा, तो वहीं एनडीए गठबंधन आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में बिहार के लिए कुछ बड़े आर्थिक कदम उठाकर यह बताने की कोशिश कर सकती है कि केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की नीतीश सरकार बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध है.
प्रधानमंत्री मोदी के दूसरे कार्यकाल में भी ललन सिंह को मंत्रिमंडल में शामिल होना था. लेकिन उस वक्त पर नीतीश कुमार नाराज हो गए. हालांकि बाद में मंत्रिमंडल विस्तार में आरपी सिंह को केंद्रीय कैबिनेट में जगह जरूर मिली थी. लेकिन बाद में नीतीश कुमार की नाराजगी की वजह से उन्हें राज्यसभा की सदस्यता गंवानी पड़ी और मंत्रिमंडल में अपना स्थान भी. आरपी सिंह प्रकरण के बाद नीतीश कुमार पलटी मारते हुए राजद और कांग्रेस के साथ गठबंधन में शामिल हो गए. हालांकि कुछ महीनों तक सरकार चलाने के बाद नीतीश कुमार ने एक बार फिर यू टर्न लिया और NDA में शामिल हो गए. नीतीश मोदी की जोड़ी ने लोकसभा चुनाव 2024 में बिहार में जबरदस्त सफलता हासिल की और ललन सिंह को मोदी मंत्रिमंडल में स्थान मिला. अब जबकि केंद्र में सरकार चलाने के लिए भारतीय जनता पार्टी को नीतीश कुमार पर निर्भर होना पड़ रहा है. ऐसे समय में ललन सिंह को मंत्रिमंडल की आर्थिक समिति में शामिल करना निश्चित तौर पर जनता दल यूनाइटेड मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और खुद ललन सिंह के लिए अच्छा संकेत है.